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यूपी निकाय चुनावः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकार को ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश, जानें पूरा मामला

By भाषा | Updated: April 6, 2023 09:42 IST

याची के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और 30 मार्च की अधिसूचना पर आपत्ति दाखिल करने के लिए छह अप्रैल की अंतिम तिथि नियत कर दी गई। याचिकाकर्ता ने कहा गया कि राजनीतिक तौर पर जिन जातियों को पिछड़ी जाति माना गया है, उनकी सूची भी सार्वजनिक नहीं की गई।

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ठळक मुद्दे लखीमपुर खीरी निवासी विकास अग्रवाल ने आरक्षण सम्बंधी अधिसूचना के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की है।न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सरकार से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा हा।दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अदालत ने बृहस्पतिवार को उक्त रिपेार्ट तलब की

लखनऊः  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह नगर निकाय चुनाव के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को गुरुवार को उसके समक्ष पेश करे।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी निवासी विकास अग्रवाल द्वारा आरक्षण सम्बंधी अधिसूचना को चुनौती देने के लिए दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में 30 मार्च को आरक्षित सीटों के लिए जारी अधिसूचना में नगर पंचायत निघासन की सीट आरक्षित किए जाने को चुनौती दी गई है।

पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई- याची

याची के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और 30 मार्च की अधिसूचना पर आपत्ति दाखिल करने के लिए छह अप्रैल की अंतिम तिथि नियत कर दी गई। याचिकाकर्ता ने कहा गया कि राजनीतिक तौर पर जिन जातियों को पिछड़ी जाति माना गया है, उनकी सूची भी सार्वजनिक नहीं की गई।

सरकार ने कहा- याची ने पिछड़ा वर्ग की सूची प्राप्त करने के लिए किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं किया

राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने कहा कि याची ने पिछड़ा वर्ग की सूची प्राप्त करने के लिए किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं किया है। इस पर याची की ओर से बताया गया कि वह कई बार जिलाधिकारी कार्यालय में अनुरोध कर चुका है लेकिन उसे सूची उपलब्ध नहीं कराई गई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अदालत ने बृहस्पतिवार को उक्त रिपेार्ट तलब की। अदालत ने कहा कि वह याचिका में उठाये गये सभी बिंदुओं पर विचार करेगी। 

टॅग्स :Allahabad High Courtयोगी आदित्यनाथYogi Adityanath
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