मिड-डे मील में रोटी-नमक परोसे जाने वाले मामले में पत्रकार को मिली क्लीन चिट, वीडियो वायरल होने के बाद सरकार पर उठे थे सवाल
By रामदीप मिश्रा | Published: December 19, 2019 12:31 PM2019-12-19T12:31:47+5:302019-12-19T12:31:47+5:30
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में जयसवाल सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला जमालपुर ब्लाक के सियूर प्राथमिक विद्यालय का था।
सरकार पर उठे थे सवाल मिर्जापुर के एक स्कूल में मिड-डे मील योजना के तहत रोटी और नमक परोसने वाले सरकारी प्राथमिक स्कूल में वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोपी पत्रकार पवन जायसवाल को जिला पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया था कि मिर्जापुर के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन में बच्चों को नमक के साथ रोटी परोसी गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मिर्जापुर के एसपी धर्म वीर सिंह ने कहा है कि हमने जायसवाल को क्लीन चिट दे दी है, जबकि मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। हमारी जांच के दौरान पाया गया है कि पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
इसी साल सितंबर में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में जयसवाल सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला जमालपुर ब्लाक के सियूर प्राथमिक विद्यालय का था।
सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के दस दिन बाद, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) प्रेम शंकर राय द्वारा जायसवाल और राजपाल पाल के खिलाफ अहरौरा पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने तब कहा था कि इस वीडियो को बनाने के लिए जायसवाल को बुलाया गया था और पूरी साजिश मिर्जापुर प्रधान ने बनाई थी।
इस मामले में संज्ञान लेते हुये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। वहीं, वायरल वीडियो में देखा गया था कि एक महिला बच्चों को रोटी दे रही थी, जबकि दूसरी महिला नमक बांट रही थी। अधिकारियों ने मामले को संभालते हुए दो अध्यापकों को निलंबित कर दिया था।