यूपी सरकार तय अवधि से पहले जेल से छोड़े गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों का विवरण दे: सुप्रीम कोर्ट

By भाषा | Published: December 9, 2019 08:51 PM2019-12-09T20:51:02+5:302019-12-09T20:51:02+5:30

शीर्ष अदालत ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह समय पूर्व रिहा किये गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों की उम्र भी बताए। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह हलफनामे पर जानकारी उपलब्ध कराए और इस मामले में अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद तय की।

UP government should give details of the culprits and murderers released from jail before the scheduled period: Supreme Court | यूपी सरकार तय अवधि से पहले जेल से छोड़े गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों का विवरण दे: सुप्रीम कोर्ट

यूपी सरकार तय अवधि से पहले जेल से छोड़े गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों का विवरण दे: सुप्रीम कोर्ट

HighlightsSC ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह समय पूर्व जेल से रिहा किये गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों की जानकारी उपलब्ध कराए। पिछले साल एक जनवरी से राज्य में ऐसे कुल 1,544 दोषियों को रिहा किया जा चुका है।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह समय पूर्व जेल से रिहा किये गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों की जानकारी उपलब्ध कराए। अदालत को सूचित किया गया था कि पिछले साल एक जनवरी से राज्य में ऐसे कुल 1,544 दोषियों को रिहा किया जा चुका है।

शीर्ष अदालत ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह समय पूर्व रिहा किये गए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों की उम्र भी बताए। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह हलफनामे पर जानकारी उपलब्ध कराए और इस मामले में अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद तय की।

पीठ ने कहा, “दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद हम राज्य से कहते हैं कि वह एक हलफनामा दायर कर बताए कि दुष्कर्म और हत्या के कितने मामलों में दोषियों को रिहा किया गया और इसके साथ ही पीड़ित की उम्र भी बताई जाए। ” न्यायालय दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी उस शख्स की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो 35 सालों से आगरा की जेल में बंद है।

दोषी महेश ने अपने समय पूर्व रिहाई के अनुरोध को राज्य सरकार द्वारा पिछले साल खारिज किये जाने के बाद उसे चुनौती दी थी। पीठ ने महेश को अंतरिम जमानत देते हुए निर्देश दिया कि वह हर दूसरे सोमवार को नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट करे।

पीठ द्वारा इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किये गए अधिवक्ता पीयूष कांति रॉय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जब ऐसी ही सजा पाए कई दोषियों को समय पूर्व रिहाई दी है तब महेश के आवेदन को खारिज करने का कोई तुक नहीं है। मामले में 35 साल पहले गिरफ्तार किया गया महेश एक दिन के लिये भी जेल से बाहर नहीं गया है।

Web Title: UP government should give details of the culprits and murderers released from jail before the scheduled period: Supreme Court

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