यूपी में हार के बाद जयंत चौधरी की रालोद ने भंग किए अपने सभी संगठन, सपा संग गठबंधन में लड़ा था चुनाव

By अनिल शर्मा | Published: March 14, 2022 03:42 PM2022-03-14T15:42:19+5:302022-03-14T15:48:42+5:30

जयंत चौधरी की पार्टी रालोद ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है। रालोद ने लिखा, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह जी के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला व सभी फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।

UP elections After SP-RLD alliance defeat jayant chaudhary party dissolved all its organizations | यूपी में हार के बाद जयंत चौधरी की रालोद ने भंग किए अपने सभी संगठन, सपा संग गठबंधन में लड़ा था चुनाव

यूपी में हार के बाद जयंत चौधरी की रालोद ने भंग किए अपने सभी संगठन, सपा संग गठबंधन में लड़ा था चुनाव

Highlightsउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 255 सीटें जीतींवहीं सपा ने 111 और आरएलडी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की हैगठबंधन में रालोद को 33 सीटें मिली थीं, इनमें से आठ पर सफलता प्राप्त कीृृ

लखनऊः राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी/रालोद) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा-आरएलडी गठबंधन की हार के बाद सोमवार को अपने प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला और सभी फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 255 सीटें जीतीं जबकि सपा ने 111 और आरएलडी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की।

जयंत चौधरी की पार्टी रालोद ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है। रालोद ने लिखा, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह जी के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला व सभी फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है। सपा के साथ गठबंधन करने के बाद यूपी चुनाव में रालोद को 8 सीटें हासिल हुई हैं।

गठबंधन में रालोद को 33 सीटें मिली थीं, इनमें से आठ पर सफलता प्राप्त कीृ है। आंकड़ों के मुताबिक इस बार करीब तीन प्रतिशत वोट मिला है। वर्ष 2017 में 1.78 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा था। चुनाव में इस बार रालोद व सपा गठबंधन ने गन्ना मंत्री सुरेश राणा को शामली के थाना भवन विधान सभा सीट से हरा दिया। यहां पर रालोद के अशरफ अली चुनाव जीते हैं। शामली से प्रसन्न चौधरी भी चुनाव जीत गए हैं।

उधर, उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर स्थानीय निकाय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से नौ अप्रैल को होने वाले राज्य विधान परिषद की 36 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव में बहुमत हासिल करने की होगी। निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई है, जहां नौ अप्रैल को एक साथ मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी। हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई भाजपा के लिए यह चुनाव खुद को सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनाने का एक अवसर होगा और इस तरह उप्र विधानमंडल के दोनों सदनों में पार्टी को बहुमत मिल सकता है।

 

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