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UP Election 2022: बाहुबली विजय मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत याचिका की खारिज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2022 3:07 PM

सुप्रीम कोर्ट ने विजय मिश्रा की विशेष जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि जमानत विचार न करने के योग्य है 

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ठळक मुद्देजस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने खारिज की विजय मिश्रा के जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में विजय मिश्रा की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए थेविजय मिश्रा पर मकान कब्जा करने, जान से मारने की धमकी देने और रेप के अपराध में केस दर्ज है

उत्तर प्रदेश के भदोही के आने वाले बाहुबली निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा को विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसके कारण अब वो जेल की सलाखों के पीछे ही रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने विजय मिश्रा की जमानत याचिका विचार न करने योग्य कहते हुए खारिज कर दी। 

मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है। 

दरअसल विजय मिश्रा ने एमपी-एमएलए कोर्ट में अपने चुनावी क्षेत्र ज्ञानपुर में प्रचार के लिए जमा्नत याचिका दाखिल की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। 

इस मामले में विधायक विजय मिश्रा की ओर से सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए थे। मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल विजय मिश्रा को यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कई तरह के षड्यंत्र किए जा रहे हैं।

मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से दरख्वास्त है कि वो विजय मिश्रा की जमानत याचिका को मंजूर करे, जिससे वो जेल से रिहा होकर अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सकें। लेकिन कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया।   

मालूम हो कि बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर भदोही के गोपीगंज थाने में अपने रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी के मकान पर कब्जा करने, उन्हें जान से मारने की धमकी देने और वसीयत करने के लिए दबाव डालने के आरोप में अपराध पंजीकृत किया गया है। इसी मामले में गिरफ्तार विजय मिश्रा इस समय आगरा की जेल में बंद है। 

इसके अलावा विजय मिश्रा और उनके बेटे के खिलाफ बलात्कार जैसी गंभीर धाराओं में भी मुकदमा दर्ज है। इस मामले में पीड़िता ने बीते शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि उसे केस वापस ले लेने के लिए जेल से धमकी दी जा रही है।

पीड़िता ने स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि जेल में बंद विजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्य केस वापस लेने के लिए धमकी दे रहे हैं। पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि वो तत्काल विधायक मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा और पत्नी रामलली के साथ उनके भतीजे को गिरफ्तार करें। 

टॅग्स :विधानसभा चुनाव 2022यूपी क्राइमउत्तर प्रदेश समाचारभदोहीसुप्रीम कोर्टDY Chandrachud
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