किसानों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करना अनुचित और क्रूर है: वरुण गांधी

By विशाल कुमार | Updated: October 4, 2021 14:43 IST2021-10-04T14:36:15+5:302021-10-04T14:43:44+5:30

भाजपा प्रवक्ता द्वारा लखीमपुर खीरी में हिंसा को खालिस्तानियों से जोड़ने के बाद पार्टी सांसद वरुण गांधी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के लिए खतरनाक भी है, क्योंकि संघर्षरत किसान जो कह रहे हैं उसे समझने के बजाय हम उनके लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग शुरू नहीं कर सकते.

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भाजपा सांसद वरुण गांधी. (फाइल फोटो)

Highlightsभाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने ट्वीट किया कि लिस पर हमला व आगजनी, कांग्रेस के प्रपंच व विपक्ष की संदिग्ध हरकतों के तार जोड़िए, इस्लामी-खालिस्तानी षडयंत्र व इसके सूत्रधारों का चित्र स्पष्ट हो जाएगा.वरुण गांधी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के लिए खतरनाक भी है, क्योंकि संघर्षरत किसान जो कह रहे हैं उसे समझने के बजाय हम उनके लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग शुरू नहीं कर सकते.गांधी ने कहा कि किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा आपराधिक लापरवाही में काम करने के बाद हिंसा भड़क उठी और प्रशासन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

नई दिल्ली: भाजपा प्रवक्ता द्वारा लखीमपुर खीरी में हिंसा को खालिस्तानियों से जोड़ने के बाद पार्टी सांसद वरुण गांधी ने आगाह किया कि संघर्षरत किसानों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करना अनुचित और क्रूर है और इससे फिलहाल शांतिपूर्वक रह रहे लोग जवाबी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वरुण गांधी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के लिए खतरनाक भी है, क्योंकि संघर्षरत किसान जो कह रहे हैं उसे समझने के बजाय हम उनके लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग शुरू नहीं कर सकते.

हालांकि, गांधी ने कहा कि किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा आपराधिक लापरवाही में काम करने के बाद हिंसा भड़क उठी और प्रशासन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहतर होगा कि राजनीतिक नेता हालात के शांत होने का इंतजार करें, क्योंकि कभी-कभी राजनीति हालात को भड़का सकता है.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार की हिंसा के बाद भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने ट्वीट किया कि लखीमपुर में कल भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने वाले खालिस्तानियों, आज अखिलेश यादव के शह पर सपा के गुंडों द्वारा लखनऊ में पुलिस पर हमला व आगजनी, कांग्रेस के प्रपंच व विपक्ष की संदिग्ध हरकतों के तार जोड़िए, इस्लामी-खालिस्तानी षडयंत्र व इसके सूत्रधारों का चित्र स्पष्ट हो जाएगा.

गौरतलब है कि पूरा मामला रविवार का है जब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लखीमपुर खीरी में रविवार को एक कार्यक्रम में आना था. किसान यहां कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

उन्होंने डिप्टी सीएम के दौरे का भी विरोध किया. इसी दौरान अशीष मिश्रा और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं.

गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना के बाद गुस्साए किसानों ने दो एसयूवी गाड़ियों में आग लगा दी. इस पूरे मामले में अब तक कुल 8 लोगों के मारे जाने की खबर है. इसमें कम से कम चार किसान भी शामिल हैं.

आशीष के खिलाफ तिकोनिया थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. साथ ही 14 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परेशान और आंदोलनकारी किसानों के लिए राहत उपायों की मांग करने वाले गांधी ने सोमवार को फिर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की मौत में शामिल लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और सीबीआई जांच की मांग की.

उन्होंने रविवार की हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की.

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