सीएम योगी की जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री नीतीश बोले- कानून लाने से बहुत फायदा नहीं, महिलाओं की शिक्षित कीजिए, फिर देखिए...
By एस पी सिन्हा | Published: July 12, 2021 07:19 PM2021-07-12T19:19:24+5:302021-07-12T19:20:56+5:30
कॉमन सिविल कोड के सवाल पर कहा कि सिर्फ यही कानून क्यों बल्कि शराबबंदी भी देश भर में होनी चाहिए. जरूरी है कि शिक्षा का स्तर सुधारा जाए और जागरूकता लाई जाए.
पटनाः उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नई नीति लागू किए जाने के बाद अब इस पर बिहार में भी बहस छिड़ गई है.
जनता दरबार के बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून और कॉमन सिविल कोड पर अपना विचार व्यक्त किया. कॉमन सिविल कोड के सवाल पर कहा कि सिर्फ यही कानून क्यों बल्कि शराबबंदी भी देश भर में होनी चाहिए. कॉमन सिविल कोड पर हमें कुछ नहीं कहना है.
वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कानून लाने से बहुत फायदा नहीं होने वाला है. इसके लिए जरूरी है कि शिक्षा का स्तर सुधारा जाए और जागरूकता लाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन जैसे देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानून लाया गया. लेकिन आज चीन में हालात क्या है? यह सबको मालूम है.
महिला शिक्षित हो तो प्रजनन दर भी ऑप्शन कम
वह पहले से कहते आ रहे हैं कि अगर आप शिक्षा का स्तर महिलाओं के बीच में सुधरेंगे. तो जागरूकता से प्रजनन दर में नियंत्रण हो पाएगा. उन्होंने कहा कि जब महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी, तो जागृति आती है और अपने आप प्रजनन दर में कमी हो जाती है. उन्होंने कहा कि जो सर्वे कराए गए हैं, वह बताते हैं कि अगर महिला शिक्षित हो तो प्रजनन दर भी ऑप्शन कम हो जाता है.
मैट्रिक और इंटर शिक्षित महिलाओं में प्रजनन दर कम पाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि 2040 तक के जनसंख्या नियंत्रण हो जाएगा और उसके बाद जनसंख्या की रफ्तार कम होगी. नीतीश कुमार ने व्यंग भरे लहजे में कहा कि कभी-कभी पढे़ लिखे लोग भी अपवाद के तौर पर ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं. नीतीश कुमार इशारों ही इशारों में कहीं न कहीं लालू परिवार के ऊपर तंज कस गए.
महिलाओं को शिक्षित होना सबसे अधिक जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जब हमने बालिका शिक्षा पर ध्यान दिया तो रिजल्ट दिखने लगा. आज बिहार में प्रजनन दर घटते-घटते तीन के नीचे आ गया है. हमलोग इसी पर काम करते हैं. बहुत लोगों की सोच है कि सिर्फ कानून बना देने से जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाएगा. हमारा स्पष्ट सोंच है कि सिर्फ कानून से नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित होना सबसे अधिक जरूरी है.
मोदी कैबिनेट विस्तार के बाद जदयू में मची खींचातानी के आरोप को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिरे से खारिज कर दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि ये सब बातें बेबुनियाद है और इनमें कोई सच्चाई नहीं है. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को मंत्री बनाये जाने के बाद उनके(नीतीश कुमार) द्वारा बधाई नहीं देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सब बात छोड़िए न...
बधाई नहीं दी तो जाकर पूछ ले
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाये को लेकर पार्टी के भीतर कोई असंतोष नहीं है. उन्होंने कहा कि कैसे नहीं कह रहे हैं कि बधाई नहीं दी है. विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि उन लोगों को मालूम नहीं होता है और बोलते रहता है. बधाई नहीं दी तो जाकर पूछ ले. ऐसी-ऐसी चर्चा होती है जिसका कोई मतलब नहीं होता.
उन्होंने कहा कि यह पार्टी का मामला है और पार्टी में सबकुछ ठीक है. नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो जनता दरबार शुरू किया था, लेकिन बाद में समस्याओं का विश्लेषण कर हमने लोक शिकायत निवारण कानून पास किया और अनुमंडल स्तर पर ही इसके निदान का काम शुरू किया. लेकिन दो साल पहले कहा कि इसे फिर से शुरू कीजिए, जिसके बाद अब हमने यह निर्णय लिया है.