लखनऊ, 8 मई: उत्तर प्रदेश के अस्पतालों की लापरवाही फिर से सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इलाज व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में इंसान की जान चली जाती है। इतना ही जान जाने के बाद इंसान के शव को अस्पताल की ओर से ले जाने के लिए गाड़ी भी नहीं मिलती है।
ताजा माला बदायूं जिले का है। जहां 7 मई को एक पति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर देर तक भटकता रहा लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन मुहैया नहीं करवाया। शख्स को पत्नी का शव कंधे पर लेकर घूमना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप है। मामले की जानकारी मिलते ही आला अधिकारियों ने जांचे के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें- एचडी देवगौड़ाः ज्यादा होशियारी ने औंधे मुंह गिराया, इसबार बन सकते हैं किंगमेकर
मामला बदायूं के थाना मूसाझाग क्षेत्र के कोर मझारा है। जहां का रहने वाला सादिक पत्नी मुनीशा को जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया था। इलाज के दौरान ही पत्नी की मौत हो गई थी। सादिक ने पत्नी के शव को ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की लेकिन किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी। मजबूरी में सादिक ने पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर ले गया। सादिक को इस हालत में देखकर एक शख्स ने उसे 200 रुपए दिए, जिसके बाद वह अपनी पत्नी के शव को गाड़ी में लेकर गांव पहुंचा।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें