लखनऊ:उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज सुबह समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं और उनके निजी सहयोगियों पर छापेमारी के बाद सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अभी तो आयकर आया है, इसके बाद ईडी और सीबीआई भी आएंगे।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 'अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं। यह सब होने लगता है। अभी तक इन्हीं का इंतजार था कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कब तक आएगा। अभी तो इनकम टैक्स (डिपोर्टमेंट) आया है. (अभी तो) ईडी आएगा, सीबीआई आएगी। न जाने कौन-कौन सी संस्थाएं आएंगी, अफवाहें फैलाई जाएंगी, साजिश किए जाएंगे, षणयंत्र रचे जाएंगे। लेकिन उसके बावजूद भी साइकिल की रफ्तार कम नहीं होगी और उत्तर प्रदेश भाजपा का सफाया होना तय है। राज्य की जनता को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। एक महीने पहले क्यों नहीं राजीव राय पर छापा मारा गया, अब क्यों? क्योंकि चुनाव नजदीक हैं?'
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा कांग्रेस की राह पर है। पहले जब कांग्रेस किसी को डराना चाहती थी तो इस तरह के हथकंडे अपनाती थी और भाजपा कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है. चुनाव से ठीक पहले ये छापेमारी क्यों की जा रही है। लगता है कर विभाग चुनावी जंग में शामिल हो गया है।
बता दें कि, आयकर विभाग ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय के उत्तर प्रदेश के मऊ स्थित आवास पर छापेमारी की।
राय ने अपने घर के अंदर से पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि या काला धन नहीं है। मैं लोगों की मदद करता हूं और सरकार को यह पसंद नहीं आया। यह उसी का परिणाम है। आप कुछ भी करेंगे तो वे वीडियो बनाएंगे, एफआईआर दर्ज करेंगे, आप बेवजह केस लड़ेंगे।
साल 2014 में घोसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले राय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता हैं.
इसके साथ ही आयकर विभाग अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले मैनपुरी में आरसीएल समूह के मालिक मनोज यादव और लखनऊ में जैनेंद्र यादव के परिसरों पर भी छापेमारी कर रहा है।
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। हाल के दिनों में राय ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री हाल के दिनों में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं ये सभी परियोजनाएं उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गईं, जबकि भाजपा ने कहा है कि यह चुनावों में श्रेय लेने का एक प्रयास है।