उप्र: पीजी कोर्स पूरा करने के बाद दस वर्ष तक नौकरी नहीं छोड़ सकेंगे सरकारी डॉक्‍टर

By भाषा | Updated: December 12, 2020 22:02 IST2020-12-12T22:02:14+5:302020-12-12T22:02:14+5:30

UP: After completing PG course, government doctors will not be able to leave the job for ten years | उप्र: पीजी कोर्स पूरा करने के बाद दस वर्ष तक नौकरी नहीं छोड़ सकेंगे सरकारी डॉक्‍टर

उप्र: पीजी कोर्स पूरा करने के बाद दस वर्ष तक नौकरी नहीं छोड़ सकेंगे सरकारी डॉक्‍टर

लखनऊ, 12 दिसंबर उत्‍तर प्रदेश सरकार ने पुराने शासनादेशों के हवाले से प्रांतीय चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य सेवा संवर्ग (पीएमएचएस) के एमबीबीएस डिग्री धारक चिकित्‍सकों को याद दिलाया है कि उनको स्‍नातकोत्‍तर पाठ़़यक्रम पूर्ण करने के बाद विभाग में दस वर्ष तक निरंतर सेवा देनी होगी और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्‍हें एक करोड़ रुपये की धनराशि प्रदेश सरकार को अदा करनी होगी।

अपर मुख्‍य सचिव स्‍वास्‍थ्‍य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि यह पुरानी व्‍यवस्‍था है और यह शासनादेश तीन अप्रैल 2017 में जारी किया गया था। इसमें पहले से यह व्‍यवस्‍था रही है कि जो पीएमएचएस के डॉक्टर हैं उन्‍हें पीजी करने के लिए विशेष अंक दिये जाते हैं। जब वह ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करते हैं तो उन्‍हें अतिरिक्‍त अंक मिलते हैं और जिसके आधार पर उनका दाख़िला पीजी कोर्स में आसानी से हो जाता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए शर्त रखी गई है कि जब वह पीजी करके लौटें तो जनता की सेवा करें और सरकारी विभाग में दस वर्ष तक अपनी सेवा अनवरत जारी रखें।

उल्‍लेखनीय है कि प्रसाद ने नौ दिसंबर को इस सिलसिले में महानिदेशक चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं को पत्र भेजकर वर्ष 2013 और वर्ष 2017 में जारी शासनादेशों का जिक्र करते हुए सेवा छोड़ने की दशा में एक करोड़ रुपये जुर्माना अदा करने की याद दिलाई।

उन्‍होंने कहा कि यदि कोई चिकित्‍साधिकारी स्‍नातकोत्‍तर (पीजी) मेडिकल कोर्स अध्‍ययन बीच में ही छोड़ देता है तो उसे अगले तीन वर्षों के लिए पीजी डिग्री कोर्स में प्रवेश से रोक दिया जाएगा। स्‍नातकोत्‍तर कोर्स का अध्‍ययन सत्र समाप्‍त हो जाने के बाद संबंधित चिकित्‍सक तत्‍काल अपने पूर्ववर्ती तैनाती के स्‍थान पर कार्यभार ग्रहण करेंगे।

पीजी कोर्स पूरा करने के बाद पीएमएचएस संवर्ग के कुछ चिकित्‍सक सीनियर रेजीडेंटशिप किये जाने हेतु अनापत्ति पत्र जारी किये जाने का अनुरोध करते हैं। अमित मोहन प्रसाद ने इस सिलसिले में दो टूक कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा चिकित्‍सकों को ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में काम करने पर स्‍नातकोत्‍तर कोर्स में प्रवेश के लिए विशेष सुविधा दी जाती है।

उन्‍होंने कहा कि पूर्व में जारी शासनादेश में स्‍पष्‍ट है कि पीएमएचएस संवर्ग के चिकित्‍सक कोर्स पूरा करने के बाद तत्‍काल विभाग में वापस लौट आएंगे और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो किसी भी स्थिति में पीएमएचएस संवर्ग के चिकित्‍सकों को स्‍नातकोत्‍तर पाठ़यक्रम पूरा करने के बाद मेडिकल कालेजों में सीनियर रेजीडेंटशिप की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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Web Title: UP: After completing PG course, government doctors will not be able to leave the job for ten years

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