उन्नाव रेप केसः पीड़िता जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है, ट्रामा सेंटर की तीसरी मंजिल पर टिकी हैं सबकी निगाहें
By भाषा | Published: August 1, 2019 08:24 PM2019-08-01T20:24:09+5:302019-08-01T20:24:09+5:30
सीसीयू के बाहर पीड़िता की महिला रिश्तेदार हाथ बांधे बैठी हैं और पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना ईश्वर से कर रही हैं। केजीएमयू ने अपने मेडिकल बुलेटिन में कहा कि पीड़िता और उनके वकील की हालत आज पांचवें दिन भी स्थिर बनी हुई है। पीड़िता जहां अभी भी वेंटीलेटर पर है, वहीं वकील को कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया।
राजधानी की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती उन्नाव बलात्कार पीड़िता के नाते रिश्तेदारों की पीड़ा साफ दिखती है। पीड़िता जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है।
ट्रामा सेंटर की तीसरी मंजिल पर स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यहीं पीड़िता और उनके वकील का इलाज चल रहा है। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। रविवार को जिस कार से पीड़िता, उनके वकील और रिश्तेदार जा रहे थे, रायबरेली में तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी थी। पीड़िता की चाची और मौसी की हादसे में मौत हो गयी, जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
सीसीयू के बाहर पीड़िता की महिला रिश्तेदार हाथ बांधे बैठी हैं और पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना ईश्वर से कर रही हैं। केजीएमयू ने अपने मेडिकल बुलेटिन में कहा कि पीड़िता और उनके वकील की हालत आज पांचवें दिन भी स्थिर बनी हुई है। पीड़िता जहां अभी भी वेंटीलेटर पर है, वहीं वकील को कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया।
ट्रामा सेंटर प्रभारी डाक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता के ‘मल्टीपल फ्रैक्चर’ हैं। साथ ही सीने में भी चोट है। पीड़िता की हालत स्थिर है। बहुत मामूली सुधार हुआ है लेकिन अभी इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। पीड़िता को अभी तक होश नहीं आया है।
उन्होंने बताया कि पीड़िता का सीटी स्कैन कराया गया था, लेकिन सिर में कोई चोट फिलहाल नजर नहीं आयी। इसके बावजूद सिर में चोट से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि सिर की बहुत सी चोटें सीटी स्कैन में नजर नहीं आती हैं। पीड़िता की हालत स्थिर है और डाक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है और वह अभी भी वेंटीलेटर पर है।
तिवारी ने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को आज भी दिन में कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया था। इस दौरान उनकी तबियत स्थिर रही। बाद में फिर उन्हें वेंटीलेटर पर कर दिया गया। पीड़िता के पिता के मामा का कहना है कि उसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाना फिलहाल व्यावहारिक नहीं है।
पीड़िता के 72 वर्षीय नाना ने बताया कि फिलहाल पीड़िता को दिल्ली भेजना व्यावहारिक नहीं है बल्कि दिल्ली से डाक्टरों का पैनल यहां बुलाया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने से बहुत अधिक कठिनाई होगी। विधायक के आतंक से कोई भी गांव वाला पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ।
ट्रामा सेंटर पहुंच रहे मरीज, उनके तीमारदार और अन्य लोग भारी संख्या में पुलिस की तैनाती और मीडिया के जमावडे़ से अचरज में हैं । बाराबंकी से आये बरातीलाल ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर पुलिस है, क्यों है, समझ नहीं आता।
''बाद में मेरी बिटिया ने बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का यहां इलाज चल रहा है, इसलिए इतनी पुलिस है ।'' ट्रामा के गेट पर तैनात निजी सुरक्षाकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है । सुरक्षा गार्ड आशीष तिवारी ने बताया कि उसे बुखार है लेकिन सुपरवाइजर ने आज किसी भी कीमत पर आने को कहा था।
अस्पताल परिसर में कांग्रेस के तीन विधायकों सहित एक प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के परिजनों को ढांढस बंधाने आया था । कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने भाषा से कहा, ''भाजपा सरकार निश्चित तौर पर संवेदनहीन हो गयी है।
इस मामले ने उसका चाल, चरित्र ओर चेहरा दिखा दिया है। लल्लू ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त किया जाए। पीड़िता के परिवार वालों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। पीड़िता के चाचा को पैरोल पर छोड़ा जाए, ताकि वह संकट की इस घड़ी में घरवालों की देखभाल कर सकें।