उन्नाव गैंगरेप: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा- आरोपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 12, 2018 01:35 PM2018-04-12T13:35:22+5:302018-04-12T14:38:08+5:30
उन्नाव गैंगरेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गैंगरेप की एफआईआर दर्ज की गयी है। विधायक के खिलाप आईपीसी की अन्य धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार (12 अप्रैल) को उन्नाव गैंगरेप पर सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस से पूछा कि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गुरुवार दो बजे तक गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं? कुलदीप सिंह सेंगर पर एक लडकी के साथ गैंगरेप करने का आरोप है। मामला पिछले साल जून का है। उस समय लड़की की उम्र 17 साली बतायी जा रही है। लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी है। लड़की के पिता के संग मारपीट के आरोप में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया है।
उन्नाव की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गुरुवार (12 अप्रैल) को एफआईआर दर्ज की गयी। बीजेपी एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर पर आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और 506 के अलावा पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्नाव गैंगरेप की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर गैंगरेप और पीड़िता के पिता पुलिस हिरासत में मौत की सीबीआई जाँच की अनुशंसा की है। हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई की। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। यूपी पुलिस ने प्रेस वार्ता में कहा कि विधायक की गिरफ्तारी पर सीबीआई फैसला करेगी। यूपी पुलिस के डीजीपी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अभी आरोप साबित नहीं हुए हैं। डीजीपी ने कहा कि सरकार किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर खुद को निर्दोष बताते रहे हैं। सेंगर का कहना है कि उन्हें राजनीतिक रंजिश की वजह से फंसाया जा रहा है।
विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर को पहले ही पीड़िता के पिता की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि विधायक के भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता के पिता की बुरी तरह पिटाई की और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दिया। पुलिस ने पीड़िता को पिता को गिरफ्तार कर लिया। चार दिन बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। पीड़िता के पिता की मौत के बाद मामला मीडिया में तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने विधायक के भाई को गिरफ्तार किया और सीएम योगी ने मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिये।
पढ़िए उन्नाव गैंगरेप केस में जून 2017 से अब तक कब-कब क्या-क्या हुआ-
11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया
21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली
22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।
22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया
30 अक्टूबर 2017: पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालों पर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप
22 फरवरी 2018: उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।
3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला, विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।
4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।
4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।
9 अप्रैल 2018: चार दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किये गये।
10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
11 अप्रैल 2018: उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।
11 अप्रैल 2018: एसआईटी रिपोर्ट के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने वाले जिला अस्पताल के दो इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ डीके द्विवेदी और डॉ प्रशांत उपाध्याय और सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया। जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ मनोज कुमार, सर्जन डॉ जीपी सचान और ईएमओ डॉ गौरव अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यूपी सरकार ने क्षेत्राधिकारी सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को भी सस्पेंड किया गया है।
11 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के मौत को देखते हुए यूपी सरकार ने पीड़िता के परिवार को हर संभव सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिये हैं। कहा गया है कि पीड़िता के घरवालों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
12 अप्रैल 2018- बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
12 अप्रैल 2018: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस को जवाब तलब किया और पूछा कि वो आरोपी विधायक को गिरफ्तार करेगी या नहीं?