उन्नाव गैंगरेपः कोर्ट ने कहा- हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं, जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 16, 2019 15:51 IST2019-12-16T15:40:23+5:302019-12-16T15:51:42+5:30

कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?

Unnao Gang Rape: Court said- we understand the pain of the victim's mind, to save life, register this case late | उन्नाव गैंगरेपः कोर्ट ने कहा- हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं, जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया

दिल्ली की अदालत ने एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी किया। 

Highlightsसेंगर को भारतीय दंड संहिता के तहत और पोक्सो अधिनियम के तहत दुष्कर्म का दोषी पाया गया।दिल्ली की अदालत सेंगर को सजा पर बुधवार को सुनवाई करेगी।

दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उन्नाव में 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराया।

कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?

कोर्ट ने कहा कि सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति था, पीड़िता महानगरीय शिक्षित क्षेत्र की नहीं बल्कि गांव की लड़की थी, जिसकी वजह से मामला दर्ज कराने में देर हुई। उन्नाव मामले में अदालत ने कहा कि पीड़िता का यह बयान सच पाया गया कि उस पर यौन हमला हुआ और उसे खतरा है।

अदालत ने पीड़िता से बदले के संदर्भ में कहा कि उसके द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे जाने के बाद उसके परिवारवालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किये गए। अदालत ने सीबीआई द्वारा मामले में आरोप-पत्र दायर करने में विलंब पर हैरानी जताते हुए कहा कि इसकी वजह से सेंगर के खिलाफ सुनवाई लंबी चली। 

सेंगर को भारतीय दंड संहिता के तहत और पोक्सो अधिनियम के तहत दुष्कर्म का दोषी पाया गया। दिल्ली की अदालत सेंगर को सजा पर बुधवार को सुनवाई करेगी। दिल्ली की अदालत ने एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी किया। 

सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।

अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। अगर आरोप साबित हुए तो अधिकतम उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी।

दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तरप्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए।

न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी। बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई। बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई।

पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है। 

Web Title: Unnao Gang Rape: Court said- we understand the pain of the victim's mind, to save life, register this case late

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