कोट्टायम, छह नवंबर महात्मा गांधी विश्वविद्यालय ने यहां नैनोटेक्नोलॉजी केंद्र के निदेशक नंदकुमार को एक पीएचडी अभ्यर्थी के खिलाफ कथित तौर पर जातिसूचक टिप्पणी करने के मामले में शनिवार को पद से हटा दिया।
विश्वविद्यालय में दलित पीएचडी अभ्यर्थी दीपा पी मोहनन ने आरोप लगाया था कि उनके पीएचडी संबंधी अध्ययन में विलंब हो रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारी जाति आधारित भेदभाव करते हैं। मोहनन ने 29 अक्टूबर को भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर नंदकुमार को हटा दिया गया है। इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने कहा था कि विश्वविद्यालय के अधिकारी छात्रा के साथ हैं, मुद्दे को उसके नजरिए से देखा गया है और उनकी परेशानी का समाधान किया गया है।
मंत्री ने कहा था, ‘‘कुलपति ने दीपा को भरोसा दिलाया है कि वह बिना किसी सामाजिक या तकनीकी अड़चन के अपना शोध पूरा कर सकेंगी। उन्हें सभी आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। कुलपति स्वयं उनके गाइड की तरह काम करेंगे।’’
छात्रा (36) ने अपनी पीएचडी पूरी करने के लिए संसाधनों तक पहुंच देने, रिसर्च गाइड बदलने और नंदकुमार को हटाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी। दीपा मोहनन ने दावा किया था कि बीते दस वर्षों से संस्थान के निदेशक की गतिविधियों के कारण उनका अध्ययन प्रभावित हुआ है। उनका दावा था कि ऐसा कथित तौर पर इसलिए किया गया क्योंकि वह दलित हैं।
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