केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'रेस्टोरेंट फूड बिल में सर्विस टैक्स नहीं जोड़ सकते, वो चाहें तो फूड प्राइस बढ़ा लें'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 3, 2022 09:46 PM2022-06-03T21:46:51+5:302022-06-03T21:51:45+5:30
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेस्तरां द्वारा फूड बिल में 'सेवा शुल्क' जोड़ना अपराध है और यह पूरी तरह से ग्राहक के विवेक पर निर्भर करता है कि वो बिल के अलावा "टिप" दे या न दे।
दिल्ली: भारत के रेस्तरां खाने के बिल में ग्राहकों से सर्विस टैक्स नहीं ले सकते हैं। ये पूरी तरह से ग्राहक के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है कि वो फूड सर्विस के बदले रेस्तरां को टिप देते हैं या नहीं।
इस मामले में गुरुवार को जानकारी देते हुए केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि रेस्तरां द्वारा फूड बिल में 'सेवा शुल्क' जोड़ना अपराध है और यह पूरी तरह से ग्राहक के विवेक पर निर्भर करता है कि वो बिल के अलावा "टिप" दे या न दे।
इस संबंध में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यदि रेस्तरां मालिक अपने स्टॉफ के सैलरी में बढ़ावा करना चाहते हैं तो वो फूड मेनू में दाम बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन बिल में टिप के शामिल करना गुनाह है।
इसके साथ ही मंत्री पीयूष गोयल ने रेस्तरां मालिकों की उस दलील को खारिज कर दिया कि अगर फूड बिल से सर्विस चार्ज हटा दिया जाता है तो इससे रेस्तरां को घाटा होगा।
केंद्र सरकार ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि वो रेस्तरां द्वारा फूड बिल में सर्विस टैक्स लेने के खिलाफ जल्द ही कानूनी ढांचा लाने वाली है।
पीयूष गोयल ने रेस्तरां द्वारा सर्विस टैक्स फूट बिल में जोड़े जाने के सवाल पर कहा, "रेस्तरां बिल में सर्विस टैक्स नहीं जोड़ सकते हैं, ये गलत हैष रेस्तरां स्टॉफ के वेलफेयर के लिए फूड प्राइस बढ़ा दें, लेकिन बिल के साथ सर्विस टिप लेना गलत है।"
उन्होंने कहा कि इस, संबंध में कई कस्टमर्स ने सरकार से शिकायत की है और सरकार इस शिकायत पर बेहद गंभीर है। गोयल ने कहा, "रेस्तरां फूड की कीमते बढ़ा देंगे तो ग्राहकों को स्पष्ट पता तो चलेगा लेकिन अगर वो सर्विस टैक्स के नाम पर ग्राहकों से पैसा वसूलते हैं तो लोगों को खाने की वास्तविक कीमत का पता ही नहीं चलेगा।"
केंद्रीय मंत्री गोयल ने रेस्तरां और उपभोक्ताओं के संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कस्टमर्स सर्विस से संतुष्ट हैं या नहीं हैं वो इसका सुझाव रेस्तरां को देंगे और इससे रेस्तरां की गुणवत्ता में सुधार होगा।
केंद्र के साथ हुई इस बैठक में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI), फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) और मुंबई ग्राहक पंचायत और पुष्पा गिरिमाजी सहित उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)