केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस ने रविवार को केरल के डीजीपी को पत्र लिखकर शिकायत की कि कुछ शरारती तत्व सीआरपीएफ जवानों के अंतिम संस्कार में ली गई उनकी तस्वीर को एक ‘सेल्फी’ के तौर पर जारी कर रहे हैं।
अपने पत्र में मंत्री ने कहा कि वह 16 फरवरी को वायनाड में वसंत कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल हुये थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने ताबूत के नजदीक खड़ी मेरी तस्वीर ली थी। मेरे मीडिया सचिव ने यही तस्वीर मेरे फेसबुक पर लगा दी। तस्वीर को मेरे द्वारा सेल्फी लेने का आरोप लगाते हुये कुछ शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ फर्जी खबरें फैला दी।
उन शरारती तत्वों के कृत्य ने जनता में मेरी प्रतिष्ठा धूमिल की है जो भारतीय दंड संहिता के प्रवाधानों के तहत एक दंडनीय अपराध है।’’
सीआरपीएफ ने फेक वीडियो व फोटो के लिए जारी की थी एडवाइजरी
आतंकियों द्वारा पुलवामा हमले को अंजाम दिए जाने के बाद से सोशल मीडिया पर कई सारी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसमें दावा किया जा रहा है कि फोटो घटनास्थल की हैं। साथ ही कुछ वीडियो भी तेजी से शेयर किए जा रहे हैं, जिन्हें मौके पर मौजूद सीसीटीवी कैमरों द्वारा फिल्माया गया बताया जा रहा है। इसे लेकर सीआरपीएफ ने फेक वीडियो व फोटो के लिए एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले की फर्जी तस्वीरें सोशल मीडिया पर न शेयर करें।
14 फरवरी को हुआ पुलवामा में भी आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।
(पीटीआई भाषा एजेंसी से इनपुट)