महाराष्ट्र: मोदी सरकार से शिवसेना ने तोड़ा नाता, अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की
By विनीत कुमार | Published: November 11, 2019 08:05 AM2019-11-11T08:05:27+5:302019-11-11T08:20:47+5:30
शिवसेना सांसद और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। इसे महाराष्ट्र में एनसीपी की ओर सरकार बनाने के लिए रखे गये प्रस्ताव के बाद का उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र में शिवसेना के एनसीपी के साथ सरकार बनाने की अटकलों के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। अरविंद सावंत के पास भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय है। मोदी सरकार में अरविंद सावंत शिवसेना के इकलौते मंत्री हैं।
अरविंद सावंत ने ट्वीट किया, 'शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस बारे में आज सुबह 11 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।'
Union Minister of Heavy Industries and Public Enterprises & Shiv Sena MP Arvind Sawant: I am resigning from my ministerial post. pic.twitter.com/6UVYpXK6Sa
— ANI (@ANI) November 11, 2019
अरविंद सावंत के इस्तीफे की घोषणा को महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति के मुताबिक अहम माना जा रहा है। दरअसल, बीजेपी के शिवसेना को सीएम पद देने से इनकार और 50-50 के फॉर्मूले पर दोनों पार्टियों के बीच जारी गतिरोध के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे एनसीपी के साथ जा सकते हैं। हालांकि, एनसीपी ने प्रस्ताव रखा है कि अगर शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी के साथ आना है तो सबसे पहले केंद्र के मोदी सरकार से नाता तोड़ना होगा।
शिवसेना को राज्यपाल ने भेजा है न्योता
बीजेपी के इनकार के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी शिवसेना को सरकार बनाने का रविवार को न्योता भेजा था। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास 56 विधायक हैं जबकि सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए उसे कम से कम 145 विधायकों की जरूरत है।
राज्यपाल ने शनिवार को चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन कार्यकारी सरकार के प्रमुख मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने बहुमत की कमी का हवाला देते हुए सरकार बनाने में असमर्थता जतायी। अब राज्य में सरकार बनाने में कांग्रेस (44 विधायक) और एनसीपी (54 विधायक) के 98 विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। अगर शिवसेना महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तब भी उसके पास कुल 154 विधायक होंगे जो सामान्य बहुमत से कुछ ही ज्यादा है।
(भाषा इनपुट)