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दवाओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया जवाब

By रुस्तम राणा | Updated: April 3, 2023 18:57 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा, यूपीए सरकार में बनाये गए डीपीसीओ, 2013 के प्रावधान अनुसार, हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के हिसाब से फ़ार्मा कंपनी दवाई के दाम बढ़ाती है या घटाती हैं।

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ठळक मुद्देमंडाविया ने कहा- डीपीसीओ, 2013 के प्रावधान अनुसार, हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के हिसाब से फ़ार्मा कंपनी दवाई के दाम बढ़ाती हैउन्होंने आगे कहा- लेकिन सरकार ने नवंबर, 2022 में आवश्यक दवाई की सूची व दामों को संशोधन कियाकहा- जिसके कारण दवाओं की मान्य सीलिंग प्राइस में औसत 16.62% की कमी हुई है

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दवाओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब दिया है। ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा, "आदरणीय खड़गे जी, दवाओं की कीमतों में वृद्धि पर आपके द्वारा ट्वीट के माध्यम से प्रसारित की गई जानकारी के बारे में मैं विनम्रतापूर्वक आपको कुछ तथ्य बताना चाहूँगा। यूपीए सरकार में बनाये गए डीपीसीओ, 2013 के प्रावधान अनुसार, हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के हिसाब से फ़ार्मा कंपनी दवाई के दाम बढ़ाती है या घटाती हैं।

उन्होंने आगे लिखा, लेकिन सरकार ने नवंबर, 2022 में, आवश्यक दवाई की सूची व दामों को संशोधन किया। डीपीसीओ, 2013 के तहत, इस तरह अधिसूचित दवाओं की मान्य सीलिंग प्राइस संशोधित करने का कार्य एनपीपीए द्वारा आरंभ कर दिया गया है। अब तक 870 आवश्यक दवाओं में से 651 की नई अंतिम मूल्य अधिसूचित किया जा चुका है। जिसके कारण दवाओं की मान्य सीलिंग प्राइस में औसत 16.62% की कमी हुई है। 

उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को अंदाज़न सालाना 3500 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूपीआई से लिंक 651 आवश्यक दवाओं की मान्य सीलिंग प्राइस में 12.12% की मर्यादा में कंपनी 1 अप्रैल, 2023 से दवाई के दाम बढ़ा सकती है। अगर कंपनी पूरा भी दाम बढ़ा ले तब भी, औसत 6.73% की कमी अनुमानित की गई है। 

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, मैं यह भी बताना चाहूँगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चलाया जा रहा जनऔषधि अभियान उत्पादन क्षेत्र का बहुत बड़ा हस्तक्षेप है, जिसने मार्केट में एक उच्चतम प्रतिस्पर्धा तैयार की है। जिसके कारण, सालाना डब्ल्यूपीआई के तहत जिस सीमा में दाम बढ़ाने की इजाजत है, उसके बावजूद भी फ़ार्मा कम्पनियाँ पूरा दाम नहीं बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि एनपीपी ने भी इस विषय में जानकारी दी है, वह भी आपके ध्यान में रखना चाहूँगा।

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री का खड़गे को यह जवाब, कांग्रेस अध्यक्ष के उस ट्वीट का जवाब है जो उन्होंने 2 अप्रैल को किया था। इसमें उन्होंने जरूरी दवाओं की कीमत पर 11 प्रतिशत वृद्धि की बात कही थी और आरोप लगाते हुए लिखा था कि प्रधानमंत्री ने जनता की जेब काटने की सुपारी ली है।  

टॅग्स :मनसुख मंडावियामल्लिकार्जुन खड़गेकांग्रेस
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