पूसा बायोडीकंपोजर पर मुलाकात के लिये केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने अब तक समय नहीं दिया: राय

By भाषा | Updated: September 20, 2021 19:14 IST2021-09-20T19:14:24+5:302021-09-20T19:14:24+5:30

Union Environment Minister not yet given time for meeting on Pusa Biodecomposer: Rai | पूसा बायोडीकंपोजर पर मुलाकात के लिये केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने अब तक समय नहीं दिया: राय

पूसा बायोडीकंपोजर पर मुलाकात के लिये केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने अब तक समय नहीं दिया: राय

नयी दिल्ली, 20 सितंबर दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के आसपास के राज्यों में प्रदूषण और पूसा बायोडीकंपोजर के इस्तेमाल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने उन्हें अब तक मुलाकात का समय नहीं दिया है।

पूसा संस्थान द्वारा तैयार किया गया बायोडीकंपोजर पराली को खाद में बदलने वाला एक माइक्रोबियल घोल है जिसके इस्तेमाल से दिल्ली और आस-पास के राज्यों में प्रदूषण पर कुछ अंकुश लगाया जा सकता है।

दिल्ली सरकार राज्यों को फसल अवशेषों को डीकंपोज करने और पराली जलाने से रोकने के लिए इस घोल का इस्तेमाल करने का निर्देश देने के लिये केंद्र पर दबाब बना रही है। अक्टूबर-नवंबर में राजधानी में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के प्रमुख कारणों में से एक खेतों में पराली जलाना है।

राय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस संबंध में हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात का वक्त मांगा था, लेकिन अब तक हम लोगों को समय नहीं मिला है। अगर सरकार (केंद्र) तत्परता से कार्रवाई नहीं करेगी तो अन्य राज्यों में पूसा बायोडीकंपोजर के इस्तेमाल की तैयारी करना बहुत मुश्किल होगा।’’

उन्होंने कहा कि बायोडीकंपोजर और पराली जलाये जाने पर तत्काल एक बैठक बुलाने की आवश्यकता है ताकि अन्य राज्यों में इस माइक्रोबियल घोल का इस्तेमाल करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जा सके क्योंकि अब भी समय बाकी है।

मंत्री ने कहा, ‘‘पराली जलाने की शुरूआत पंजाब और हरियाणा में होती है लेकिन इससे सबसे अधिक दिल्ली प्रभावित होती है। क्योंकि इसकी भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है। इसलिये, अगर उन राज्यों की ओर से कोशिश नहीं की जाती है तो इसका प्रभाव राजधानी पर ही होगा ।’’

राय ने कहा कि दिल्ली सरकार 24 सितंबर से बायोडीकंपोजर का इस्तेमाल करना शुरू करेगी और पांच अक्टूबर से इसका छिड़काव किया जाएगा। बायोडीकंपोजर के छिड़काव से पराली जलाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले साल के विपरीत, इस बार घोल का उपयोग बासमती चावल के खेतों में भी फसल अवशेषों को नष्ट करने के लिए किया जाएगा।

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Web Title: Union Environment Minister not yet given time for meeting on Pusa Biodecomposer: Rai

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