Union Cabinet decision: राष्ट्रीय गोकुल मिशन पर खर्च होंगे 3400 करोड़, 10601.4 करोड़ की लागत से असम में यूरिया संयंत्र, देखें फैसले
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 19, 2025 17:40 IST2025-03-19T17:03:03+5:302025-03-19T17:40:00+5:30
Union Cabinet decision: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में डेयरी विकास के लिए 2,790 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्निनी वैष्णव ने मीडिया के सामने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जेएनपीटी को जोड़ने वाली छह लेन की राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दी। इस पर 4,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए 3,400 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में डेयरी विकास के लिए 2,790 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।
The Union Cabinet, chaired by Prime Minister Narendra Modi, has today approved the Revised National Program for Dairy Development (NPDD).
— ANI (@ANI) March 19, 2025
The Revised NPDD, a Central Sector Scheme, has been enhanced with an additional Rs 1000 crore, bringing the total budget to Rs.2790 crore for… pic.twitter.com/ntXaw8u8tU
#WATCH | Delhi: Union Cabinet today approved Incentive scheme for promotion of low-value BHIM-UPI transactions (P2M)
The scheme will be implemented at an estimated outlay of 1,500 crore for the FY 2024-25. Incentive at the rate of 0.15% per transaction value will be provided for… pic.twitter.com/fTSCVIReeB— ANI (@ANI) March 19, 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना को 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय पर लागू किया जाएगा। छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15% की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसकी अनुमानित लागत 10,601.4 करोड़ रुपये है। यह मंजूरी इस प्रमुख फसल पोषक तत्व के आयात को कम करने और भारत को इसके मामले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के तहत दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप असम के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख टन सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता वाले एक नए अमोनिया-यूरिया परिसर की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
यह संयंत्र एक संयुक्त उद्यम (जेवी) के जरिये 70:30 के ऋण-इक्विटी अनुपात के साथ 10,601.40 करोड़ रुपये की अनुमानित कुल परियोजना लागत से स्थापित किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नामरूप-चार परियोजना के चालू होने की संभावित समयसीमा 48 महीने है।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) की 18 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी को लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देशों में निर्धारित सीमाओं में छूट देने और नामरूप-चार उर्वरक संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के गठन को भी मंजूरी दी।
बयान में कहा गया, ‘‘ इस परियोजना से देश में विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इससे पूर्वोत्तर, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यूरिया उर्वरकों की बढ़ती मांग पूरी होगी।’’ नामरूप-चार इकाई की स्थापना से ऊर्जा की खपत अधिक होगी और क्षेत्र के लोगों के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी खुलेंगे। सरकार ने कहा, ‘‘ इससे देश में यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।’’
जेएनपीए बंदरगाह को जोड़ने वाली राजमार्ग परियोजना के लिए 4,500 करोड़ रुपये मंजूर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए छह-लेन वाले 29.21 किलोमीटर लंबे द्रुतगामी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस राजमार्ग परियोजना को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से ‘बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो’ (बीओटी) पद्धति पर विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बयान के मुताबिक, जेएनपीए बंदरगाह पर माल ढुलाई कंटेनरों की बढ़ती मात्रा और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई है।
फिलहाल पलास्पे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन और पनवेल जैसे इलाकों में भारी भीड़भाड़ होने से वाहनों को बंदरगाह से एनएच-48 और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के धमनी स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) खंड तक पहुंचने में दो-तीन घंटे तक लग जाते हैं। इस साल नवी मुंबई हवाई अड्डे के चालू होने के बाद प्रत्यक्ष संपर्क की जरूरत और बढ़ेगी।
ऐसी स्थिति में यह परियोजना इन संपर्क जरूरतों को पूरा करने और जेएनपीए बंदरगाह एवं नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने की क्षमता को बेहतर करने के लिए बनाई गई है। इस राजमार्ग परियोजना की शुरुआत जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे गांव) से होती है और मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होती है।
इस दौरान यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-66) को भी जोड़ती है। बयान के मुताबिक, इस राजमार्ग से बंदरगाह तक माल की आवाजाही सुरक्षित और कुशल ढंग से हो सकेगी। यह परियोजना मुंबई एवं पुणे के नजदीकी इलाकों में वृद्धि, विकास और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी।
कम मूल्य वाले यूपीआई लेनदेन के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को बुधवार को मंजूरी दी। इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा व्यापारी को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी।
बयान में कहा गया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ‘व्यक्ति से व्यापारी’ (पी2एम) तक कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।’’
कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू की जाएगी। इस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक का यूपीआई (पी2एम) लेनदेन आएगा। बयान के अनुसार, ‘‘ छोटे व्यापारियों की श्रेणी से संबंधित 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।’’
सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने की दो योजनाओं के लिए परिव्यय बढ़ाकर 6,190 करोड़ रुपये किया
सरकार ने बुधवार को दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से दो योजनाओं के लिए परिव्यय बढ़ाकर 6,190 करोड़ रुपये कर दिया। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी है।
दूध उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दोनों योजनाओं में अब कुल परिव्यय 6,190 करोड़ रुपये होगा। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित आरजीएम को मंजूरी दे दी है। विकास कार्यक्रम योजना के केंद्रीय क्षेत्र के हिस्से के रूप में संशोधित आरजीएम का कार्यान्वयन 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ किया जा रहा है, जिससे वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान कुल राशि 3,400 करोड़ रुपये हो जाएगी।
संशोधित एनपीडीडी, जो एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, को 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन के साथ बढ़ाया गया है, जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26) की अवधि के लिए कुल बजट 2,790 करोड़ रुपये हो गया है। यह पहल डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित है, जिससे इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित होती है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के कार्यान्वयन और सरकार के अन्य प्रयासों से पिछले 10 साल में दूध उत्पादन में 63.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन थी, वह 2023-24 में बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। पिछले दस साल में उत्पादकता में भी 26.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।