केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है।
साथ ही कैबिनेट ने तीन संस्कृत डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने के विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटीज बिल को मंजूरी दे दी है, जिसे शीतकालीन सत्र में ही संसद में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि संस्कृत के तीन डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित किया जायेगा। जावड़ेकर ने कहा कि संस्कृत के लिये पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है जो कि एक अच्छी पहल है।
वहीं कैबिनेट ने साथ ही निजी डेटा संरक्षण बिल को भी मंजूरी दे दी। इस बिल को भी वर्तमान सत्र में ही संसद में पेश किया जाएगा। कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक को वापस लेने को भी मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट के नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दिेए जाने से इसके जल्द ही संसद में पेश किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इस विधेयक का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है।
विपक्षी दल इस बिल को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धातों के खिलाफ बताकर इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया है।
(PTI इनपुट्स के साथ)