अजित पवार गुट के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से शिंदे खेमे में बेचैनी, भाजपा नेता भी परेशान! विभागों के आवंटन को लेकर आज फिर बैठक

By अनिल शर्मा | Published: July 5, 2023 09:48 AM2023-07-05T09:48:58+5:302023-07-05T09:55:35+5:30

विभागों के बंटवारे को लेकर बुधवार तीनों नेताओं की फिर से बैठक होनी है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अजित पवार खेमा वित्त, ऊर्जा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, ग्रामीण विकास, जल संसाधन और महिला एवं बाल कल्याण की मांग कर रहा है।

Uneasiness in Shinde camp due to Ajit Pawar faction joining Maharashtra govt BJP leaders also worried Meeting today regarding allocation of departments | अजित पवार गुट के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से शिंदे खेमे में बेचैनी, भाजपा नेता भी परेशान! विभागों के आवंटन को लेकर आज फिर बैठक

अजित पवार गुट के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से शिंदे खेमे में बेचैनी, भाजपा नेता भी परेशान! विभागों के आवंटन को लेकर आज फिर बैठक

Highlightsमंगलवार को कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ बैठक की।लेकिन विभागों के वितरण पर मतभेदों के कारण बैठक बेनतीजा ही रही।

मुंबई: एनसीपी के अजीत पवार गुट के शपथ लेने के बाद तीनों सत्तारूढ़ दल मंत्री पद के आवंटन, विभागों में फेरबदल और सत्ता-बंटवारे को लेकर आमने-सामने हैं। जहां शिवसेना नेताओं (शिंदे गुट) ने भाजपा के नए सहयोगी को सरकार में शामिल करने पर खुलकर नाराजगी जताई है, वहीं भाजपा नेता भी कई मुद्दों को लेकर चिंतित हैं। यही वजह है कि पवार और उनके आठ मंत्रियों के शपथ लेने के एक दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया।

मंगलवार को कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ बैठक की। लेकिन विभागों के वितरण पर मतभेदों के कारण बैठक बेनतीजा ही रही। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम शिंदे की नाराजगी साफ झलक रही थी। एक अधिकारी ने कहा, उनकी और उनके मंत्रियों की शारीरिक भाषा संयमित थी, जबकि अजित पवार खेमा आक्रामक दिख रहा था। इसके अलावा, पवार और फड़नवीस को अधिक मित्रतापूर्ण देखा गया, जिससे यह आभास हुआ कि शिंदे अलग-थलग पड़ गए थे।"

विभागों के बंटवारे को लेकर बुधवार तीनों नेताओं की फिर से बैठक होनी है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अजित पवार खेमा वित्त, ऊर्जा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, ग्रामीण विकास, जल संसाधन और महिला एवं बाल कल्याण की मांग कर रहा है। जबकि शिंदे गुट अजीत को वित्त मिलने का कड़ा विरोध कर रहा है। क्योंकि एमवीए सरकार में वित्त मंत्री के रूप में परिव्यय का असंगत वितरण पिछले साल उनके विद्रोह का एक प्रमुख कारण था। सीएम ने अपनी पार्टी के मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के विचार का भी विरोध किया, जिसे भाजपा ने प्रस्तावित किया था।

वहीं, शिंदे खेमा काफी परेशान है। विधायक संजय शिरसाट, भरत गोगावले और मंत्री दीपक केसरकर ने भाजपा द्वारा नए सहयोगी को लाने पर सवाल उठाया, वह भी उन्हें विश्वास में लिए बिना। उनका कहना है कि जब हमारे पास पूर्ण बहुमत था तो ऐसा करने की क्या जरूरत थी।

शिव सेना नेता गजानन कीर्तिकर ने भी कहा कि अगर शिव सेना को कम विभाग मिले तो ठीक है। उन्होंने कहा, ''लोकसभा चुनाव जीतने और शरद पवार को खत्म करने के लिए एनसीपी को शामिल किया गया है। हमारे कुछ विधायक जो मंत्री पद चाहते थे वे नाराज हैं लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है।"

भाजपा नेता भी राकांपा में विभाजन पर लोगों की प्रतिक्रियाओं से परेशान थे। एक भाजपा नेता ने कहा, जिस पार्टी के खिलाफ हमने इतने सारे आरोप लगाए, उससे हाथ मिलाने से मतदाता खुश नहीं हैं। कुछ नेता भी निराश हैं, क्योंकि पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को सत्ता-साझाकरण से बाहर रखा गया है। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि पवार और शिंदे खेमे को लगभग 13-13 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है, जबकि भाजपा लगभग 16 मंत्री पद बरकरार रखेगी। 

Web Title: Uneasiness in Shinde camp due to Ajit Pawar faction joining Maharashtra govt BJP leaders also worried Meeting today regarding allocation of departments

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