राफेल पर एचएएल चेयरमैन का चौंकाने वाला बयान, 'हमें पता ही नहीं था कि पिछला सौदा रद्द हो गया है'
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 3, 2018 05:19 PM2018-11-03T17:19:49+5:302018-11-03T17:19:49+5:30
राफेल डील पर बीते कई दिनों से घमासान जारी है। ऐसे में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
राफेल डील पर बीते कई दिनों से घमासान जारी है। ऐसे में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक तरफ जहां विपक्षी दलों का आरोप है रि पीएम नरेंद्र मोगी की अगुवाई में हुए नए सौदे में सरकारी कंपनीहिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को नजरंदाज किया गया और इसकी जगह अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया।
वहीं, यूपीए के समय होने वाली डील में एचएएस भी शामिल थी।ऐसे में अब अब एचएएल की ओर से कहा गया है कि बीजेपी पिछले राफेल सौदे को नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार रद्द कर चुकी है।
अब नए रूप में राफेल के लिए दसॉल्ट एविएशन से सौदा किया गया है। वहीं, एचएएल के चेयरमैन आर. माधवन का इस पर कहना है कि हमें पिछले सौदे को रद्द किए जाने की जानकारी नहीं थी। हम राफेल पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि अब हम इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं। उन्होने साफतौर पर कहा कि हम राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कोई बयान नहीं देना चाहते, क्योंकि हम अब इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन हमें पिछले सौदे को रद किए जाने की जानकारी नहीं थी।
राफेल विवाद
फ्रांस की हथियार बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट से भारत सरकार ने 36 राफेल फाइटर विमान खरीदने का सौदा किया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस डील में नरेंद्र मोदी सरकार ने रिलायंस समूह के कारोबारी अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाया है। मोदी सरकार ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी को राफेल डील के बहाने 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुँचाया है। राहुल गांधी का आरोप है कि यह डील सीधे पीएम नरेंद्र मोदी के दखल की वजह से अनिल अंबानी को मिली। बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष को गलत बताते हुए कहा है कि वो इस मुद्दे पर भ्रमित हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के मूल में भी राफेल डील की जांच का मसला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सीबीआई चीफ वर्मा राफेल डील की जाँच करना चाहते थे इसलिए मोदी सरकार ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया। बीजेपी ने कांग्रेस के लगाये आरोपों से इनकार किया है। राफेल डील और सीबीआई विवाद दोनों ही मामले इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।