उमा भारती पर 1998 में हुए जानलेवा हमले में बड़ा मोड़, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी
By शिवअनुराग पटैरया | Published: October 31, 2018 11:20 AM2018-10-31T11:20:20+5:302018-10-31T11:29:13+5:30
साल 1998 के इस मामले में कहा गया था, उभा भारती जैसे ही अपने गार्ड के साथ आम रोड पर पहुंची आरोपीगणों ने उनके वाहन के सामने जीप अड़ा दी और पथराव कर गोली चलाई।
केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उभा भारती और उनके गार्ड के ऊपर 1998 हुए जान लेवा हमला सभी 11 आरोपियों को राज्य के छतरपुर ज़िले की एक अदालत ने बरी कर दिया है । छतरपुर की ज़िला अदालत के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार शर्मा ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ दिया है।
इस चर्चित मामले को लेकर 1998 में 10 वीं बटालियन एसएएफ डी कंपनी कैंप छतरपुर के एएसआई हरिओम प्रसाद लटौरिया ने ,जो घटना के दौरान उभा भारती के सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात थे रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि राजनगर थाना क्षेत्र के चंद्रनगर आम रोड में 8 फरवरी 1998 को दिन के करीब 3:30 बजे तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी उभा भारती जैसे ही अपने गार्ड के साथ आम रोड पर पहुंची आरोपीगणों ने उनके वाहन के सामने जीप अड़ा दी और पथराव कर गोली चलाई।
इस वारदात के बाद उभा भारती जैसे ही चंद्रनगर चौकी के सामने पहुंची उसी समय मनोज त्रिवेदी, अर्जुन सिंह, गोविंद सिंह, भगवानदास नामदेव, सलीम खान, हफीज उर्फ जमाल, रघुवीर प्रसाद, शहादत खान, संजीव राज, लखन लाल दुबे, शंकर नामदेव, फैयाज खान ने उभा भारती के गार्ड हरिओम लाटौरिया के ऊपर पथराव करके गोलियां चलाई।
मामले की विवेचना के दौरान इस मामले के दो आरोपी अशोक कुमार और इदरीश की मौत हो गई थी। अदालत ने आरोपियो के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 149, 341, 332, 307 के तहत आरोप लगाए।
न्यायाधीश जितेंद्र कुमार शर्मा की कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस चर्चित मामले में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने अंतिम बहस सुनी और मामले अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले के 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।