उज्जैनः महाकाल मंदिर में क्षरण के उपायों को जानने पंहुची एएसआई की टीम, जताई संतुष्टि
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 22, 2018 03:05 AM2018-12-22T03:05:24+5:302018-12-22T03:05:24+5:30
सुझावों पर अमल को लेकर संतुष्टि जताई तीन सदस्यीय दल ने।
बारह ज्योतिर्लिंग में से प्रमुख श्री महाकालेश्वर मंदिर में क्षरण की स्थिति और मंदिर समिति के जीएसआई की टीम द्वारा दिए गए सुक्षावों पर क्षरण रोकने के लिए किए गए उपायों को देखने के लिए आर्कियोलाजी आफ इंडिया के 3 सदस्यीय दल ने शुक्रवार को मंदिर पंहुचकर निरीक्षण किया और दिए गए सुझावों पर अमल की स्थिति को जाना। बाद में दल के सदस्यों ने अमल पर संतुष्टि जताई है।
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग में हो रहे लगातार क्षरण को लेकर उज्जैन की एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी जिसके बाद न्यायालय ने मंदिर समिति को क्षरण रोकने के लिए उपाय करने को कहा था । एएसआई की एक टीम बनाकर उससे रिपोर्ट मांगी थी। जिसके तहत मंदिर समिति क्षरण रोकने के लिए आर ओ वाटर शिव लिंग पर चढ़ाने ,शिवलिंग पर चढाई जाने वाली पूजन सामग्री की मात्रा सिमित करने और हर्बल सामग्री का उपयोग करने , सीमित मात्रा में जल को चढ़ाने,गर्भगृह में एसी लगाने और तापमान नियंत्रित रखने , बडी माला पर प्रतिबंध लगाने सहित कई सुझाव दिए गए थे।
मदनसिंह चौहान, क्षेत्रीय संचालक,आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया, भोपाल ने कहा-
सुझाव पर अमल की स्थिति को जाना और उसका निरीक्षण किया है। जनवरी में रिपोर्ट पेश की जाएगी । मंदिर समिति सुझाव पर अमल कर रही है। हमारे एक सदस्य अभी रुके हुए हैं।
इस पर पूर्व में भी पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आर्कियोलाजी की टीम महाकाल मंदिर में भेजी थी और शिवलिंग में हो रहे क्षरण की रिपोर्ट मांगी थी ।शुक्रवार को एक बार फिर चार सदस्य टीम महाकाल मंदिर पंहुची और मंदिर समिति द्वारा क्षरण को रोकने के लिए दिए गए सुझाव और उन पर उठाये गए कदमों को देखा और काफी हद तक वे मंदिर समिति के अमल से संतुष्ट दिखाई दिए ।
टीम ने महाकाल मंदिर में पहुंचकर सबसे पहले महाकाल मंदिर में चढ़ने वाले जल का निरीक्षण किया और फिर मंदिर में शिवलिंग को हो रहे क्षरण की जानकारी ली साथ ही पुरे मंदिर का निरीक्षण भी इस दौरान किया । टीम इसकी रिपोर्ट जनवरी माह में भारत सरकार के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में रखेगी।शुक्रवार को टीम के सदस्य हेमराज सुर्यवंशी उपसंचालक , मदनसिंह चौहान क्षेत्रीय संचालक भोपाल,एलएल विश्वकर्मा उपमहानिदेशक भू-वैज्ञानिक सर्वे उडीसा शामिल थे ।