उज्जैनः महाकालेश्वर मंदिर विस्तार की खुदाई में सामने आया एक हजार साल पुराना मंदिर, परमार कालीन कई अहम मूर्तियां भी निकलीं

By बृजेश परमार | Published: July 16, 2021 08:14 PM2021-07-16T20:14:43+5:302021-07-16T20:20:41+5:30

उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए की जा रही खुदाई में करीब एक हजार साल पुराने परमार कालीन मंदिर का ढांचा सामने आया है। खुदाई में 11वीं शताब्दी की कई अहम मूर्तियां भी निकली हैं।

Ujjain: a thousand years old temple came to the fore in the excavation of Mahakaleshwar temple extension | उज्जैनः महाकालेश्वर मंदिर विस्तार की खुदाई में सामने आया एक हजार साल पुराना मंदिर, परमार कालीन कई अहम मूर्तियां भी निकलीं

महाकालेश्वर मंदिर के बाहरी परिसर में पुरातात्विक धरोहर आकर्षण बनने लगी है।

Highlightsमहाकाल मंदिर विस्तार खुदाई में एक हजार साल पुराना मंदिर का ढांचा सामने आया है। इस खुदाई में 11वीं शताब्दी की परमार कालीन कई अहम मूर्तियां भी निकली हैं।दूसरी ओर, 2020 में भी महाकाल मंदिर में करीब 1,000 साल पुराने अवशेष मिले थे। 

उज्जैनःउज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए की जा रही खुदाई में करीब एक हजार साल पुराने परमार कालीन मंदिर का ढांचा सामने आया है। खुदाई में 11वीं शताब्दी की कई अहम मूर्तियां भी निकली हैं। इस बात की पुष्टि प्रदेश के पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ. रमेश यादव ने की। पुरातत्व धरोहर को शुक्रवार को एडीजी डॉ. योगेश देशमुख एवं एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने भी देखा और जानकारी ली।

महाकालेश्वर मंदिर के बाहरी परिसर में चल रहे खुदाई कार्य में निकली पुरातात्विक धरोहर अब आकर्षण बनने लगी है। शुक्रवार को एडीजी डॉ. देशमुख एवं एसपी शुक्ला को डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर शोध संस्थान के पदस्थ रिसर्च ऑफिसर डॉ. ध्रुवेन्द्र जोधा ने पुरातात्विक धरोहरों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि खुदाई में जो हिस्सा अब तक दिखाई पड रहा है वो जगती (कमर) तक का हिस्सा है, जिसके मध्य में मंडप का भाग साथ ही मुख्य मंडप का भी भाग दिखाई दे रहा है। प्राप्त मंदिर के पुराअवशेषों में स्थापत्यम खण्ड सम्मिलित है। जिनमें आमलक, कलश, मंजीरी, भार वाहक, कीचक आदि स्तम्भ प्राप्त हुए है। अलंकृत स्तम्भ‍ लता-वल्लरी से विभूषित हैं। यहां से प्राप्त प्रतिमाओं के आधार पर इसे शिवमंदिर कहा जा सकता है, क्योंकि शिव-परिवार की मूर्तियां मिली हैं। 

गौरतलब है कि 30 मई को महाकाल मंदिर के अगले हिस्से में खुदाई के दौरान मिली माता की प्रतिमा और स्थापत्य खंड की जानकारी जैसे ही संस्कृति विभाग को लगी, उन्होंने तुरंत पुरातत्व विभाग भोपाल के चार सदस्यों को उज्जैन महाकाल परिसर के निरीक्षण के लिए भेजा। इस खुदाई के बाद परमार कालीन वास्तुकला का बेहद खूबसूरत मंदिर दिखाई देने लगा है। 

11वीं-12वीं शताब्दी का मंदिर

टीम को लीड कर रहे पुरातत्वीय अधिकारी डॉ. रमेश यादव ने कहा था कि 11वीं-12वीं शताब्दी का मंदिर नीचे दबा हुआ है, जो की उत्तर वाले भाग में है। दक्षिण की ओर चार मीटर नीचे एक दीवार मिली हैं, जो करीब करीब 2,100 साल पुरानी हो सकती हैं। 2020 में भी महाकाल मंदिर में करीब 1,000 साल पुराने अवशेष मिले थे। मंदिर के अगले हिस्से में विश्राम भवन बनाया जा रहा है। इसके लिए की गई खुदाई के दौरान अवशेष सामने आए थे। इसके बाद काम को रोका गया था।

खुदाई में कई पुरातात्विक धरोहर सामने आई

खुदाई में बराबर पुरातत्व धरोहर सामने आ रही है। मूर्तियां निकल रही हैं। पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव के अनुसार अभी पूरी तरह ये बताना संभव नहीं है खुदाई में बाहर आया मंदिर किसने बनवाया था। मंदिर के कुछ और हिस्से सामने आने पर स्टडी कर ही कुछ कहा जा सकेगा। मूर्तियों और मंदिर के स्ट्रक्चर का अलायमेंट देखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। यहां पिछले कुछ महीनों से मशीनों से काम को प्रतिबंधित करते हुए मात्र मजदूरों से छोटे औजारों से ही काम लिया जा रहा है।

Web Title: Ujjain: a thousand years old temple came to the fore in the excavation of Mahakaleshwar temple extension

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