Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन पर एक्शन, 'सनातन धर्म' टिप्पणी पर कर्नाटक कोर्ट ने तलब किया, देखें
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 2, 2024 07:08 PM2024-02-02T19:08:29+5:302024-02-02T19:15:30+5:30
Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनकी 'सनातन धर्म' टिप्पणी के सिलसिले में बेंगलुरु की एक अदालत ने तलब किया है।
Udhayanidhi Stalin: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन पर कड़ा एक्शन हुआ है। उदयनिधि स्टालिन को 'सनातन धर्म' टिप्पणी पर कर्नाटक कोर्ट ने तलब किया है। उदयनिधि स्टालिन हमेशा चर्चा में रहते हैं। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया था और कहा था कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। बेंगलुरु में जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने बेंगलुरु के स्थानीय परमेश की शिकायत पर मंत्री को तलब किया।
Udhayanidhi Stalin summoned by Karnataka court over ‘Sanatana Dharma’ remark@jsamdaniel reports pic.twitter.com/TZY6sfIfx9
— NDTV (@ndtv) February 2, 2024
अदालत ने 4 मार्च को होने वाली सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है। उदयनिधि जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं, ने पिछले साल सनातन धर्म की तुलना "डेंगू" और "मलेरिया" से करके विवाद खड़ा कर दिया था। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे "उन्मूलन" किया जाना चाहिए।
अपने बयान पर आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद उदयनिधि स्टालिन ने अपनी बात पर कायम रहते हुए कहा कि वह हमेशा सनातन धर्म का विरोध करेंगे। याचिकाकर्ता परमेश की ओर से पेश वकील धर्मपाल ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें सनातन धर्म का विरोध किया गया था।
उन्होंने सनातन धर्म के बारे में एक टिप्पणी की, जिसमें दावा किया गया कि इसे डेंगू और मलेरिया की तरह बाहर निकालना होगा। वह अपने रुख पर कायम हैं और वही बयान दोहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अदालत में भी इसका सामना करेंगे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका मकसद किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना हो) और 153-ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि स्टालिन की टिप्पणियों से सनातन धर्म का पालन करने वालों की भावनाओं और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है।