उद्धव ठाकरे ने चिह्न और नाम आवंटन के मामले में चुनाव आयोग पर लगाया पक्षपात का आरोप, चिट्ठी में कही ये बात
By विनीत कुमार | Updated: October 13, 2022 15:14 IST2022-10-13T15:14:03+5:302022-10-13T15:14:03+5:30
उद्धव ठाकरे गुट ने एक चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि जानबूझकर उनकी पसंद को पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया।

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर लगाया पक्षपात का आरोप (फाइल फोटो)
मुंबई: चुनाव आयोग पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट ने पक्षपात करने का आरोप लगाया है। ठाकरे गुट की ओर से लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि निर्वाचन आयोग ने पार्टी के चिह्न और नाम के बारे में फैसला करने को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया।
ठाकरे गुट ने चिट्ठी में लिखा, 'टीम ठाकरे के नाम और चिह्न के पसंद वाले विकल्पों को आयोग ने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक तौर पर साझा कर दिया जबकि उस समय तक शिंदे गुट की ओर से कोई सूची नहीं जमा कराई गई थी।' चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि इससे टीम शिंदे को टीम ठाकरे द्वारा सुझाए गए नामों और चिह्न को कॉपी करने में मदद मिली।
दरअसल, ठाकरे के गुट को अब 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' का नाम चुनाव आयोग की ओर से दिया गया है। इस गुट का चिह्न 'जलती हुई मशाल' दी गई है। वहीं शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम दिया गया है। इसका चुनाव चिह्न 'एक ढाल और दो तलवार' दिया गया है।
बहरहाल, ठाकरे गुट ने अपने पत्र में आगे लिखा है, 'आगे प्रतिवादी (टीम ठाकरे) के लिए आश्चर्य की बात ये रही कि इसके बाद माननीय आयोग ने इस पत्र को अपनी वेबसाइट से हटा दिया। कहने की जरूरत नहीं कि याचिकाकर्ता (टीम शिंदे) का कोई पत्र अपलोड नहीं किया गया जिसमें उनके अपने चिह्न और नामों की पसंद के बारे में बताया गया हो।'
पत्र में आरोप लगाया गया है कि टीम शिंदे ने 'बहुत ही स्पष्ट रूप से' उसी नाम को पहली पसंद के तौर दी और टीम ठाकरे की पहली और दूसरी पसंद के चिह्न के जैसे ही अपने पसंद बताए। इसने ठाकरे गुट को नाम की पहली पसंद और चिह्न के पहली और दूसरी पसंद मिलने से रोक दिया।'