पहलगाम हमले के दौरान छुट्टियां मना रहा था ठाकरे परिवार?, सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए शिवसेना (उबाठा) के नेता, जानें क्या बोले राजनीतिक विशेषज्ञ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 11, 2025 18:01 IST2025-05-11T17:59:18+5:302025-05-11T18:01:06+5:30

उद्धव ठाकरे को आखिरी बार 19 अप्रैल को एक सार्वजनिक समारोह में देखा गया था, जब उन्होंने पार्टी के मजदूर संघ भारतीय कामगार सेना को संबोधित किया था।

Uddhav Thackeray family holiday during Pahalgam attack? Shiv Sena Ubatha leaders not attend all-party meeting know what political experts said | पहलगाम हमले के दौरान छुट्टियां मना रहा था ठाकरे परिवार?, सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए शिवसेना (उबाठा) के नेता, जानें क्या बोले राजनीतिक विशेषज्ञ

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Highlights22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के समय देश में मौजूद नहीं थे।नेता यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं, जबकि उनके कार्यकर्ता ‘कोमा’ में हैं।शिवसेना के नेता और राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवड़ा ने ठाकरे की कड़ी आलोचना की है।

मुंबईः पहलगाम हमले के दौरान उद्धव ठाकरे के छुट्टी मनाने और महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने के कारण शिवसेना (उबाठा) को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। पार्टी सदस्यों और राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्षी दल के प्रति जनता की धारणा को झटका लगा है। शिवसेना (उबाठा) सूत्रों के अनुसार, ठाकरे परिवार छुट्टियों से वापस आ गया है। उद्धव ठाकरे को आखिरी बार 19 अप्रैल को एक सार्वजनिक समारोह में देखा गया था, जब उन्होंने पार्टी के मजदूर संघ भारतीय कामगार सेना को संबोधित किया था।

ठाकरे 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के समय देश में मौजूद नहीं थे। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई। शिवसेना ने इस मुद्दे को उठाया है और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व पार्टी के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी के नेता यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं, जबकि उनके कार्यकर्ता ‘कोमा’ में हैं।

शिवसेना के नेता और राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवड़ा ने ठाकरे की कड़ी आलोचना की है। देवड़ा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "कभी धरतीपुत्र रहे लोग अब भारतीय पर्यटक बनकर रह गए हैं...ठाकरे कितना गिर गए हैं। जब पहलगाम में गोलियां चल रही थीं, तब वे यूरोप में छुट्टियां मना रहे थे।" उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र को छुट्टी मनाने वाले अंशकालिक नेताओं की नहीं, बल्कि ड्यूटी पर तैनात योद्धाओं की जरूरत है।”

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर आतंकी संगठनों के ठिकानों पर भारत द्वारा हमला करने के दो दिन बाद नौ मई को एक अन्य पोस्ट में शिवसेना नेता देवड़ा ने ‘एक्स’ पर लिखा था, "उबाठा का ही उदाहरण लें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी के प्रति उनकी नफरत भारत और महाराष्ट्र के प्रति नफरत में बदल गई है।"

शिवसेना (उबाठा) के एक विधायक ने स्वीकार किया कि हालांकि अवकाश पर जाना व्यक्तिगत मामला है, लेकिन इस समय यह ठीक नहीं था। उन्होंने कहा, "परिवार छुट्टी पर गया था और इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा क्योंकि यह पारिवारिक मामला है। लेकिन हां, ऐसे समय में उनकी लंबी अनुपस्थिति पार्टी के लिए अच्छी नहीं है।"

पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, "हमें यात्रा कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन वह (ठाकरे) अब स्वदेश लौट आए हैं।" उल्लेखनीय है कि पहलगाम हमले के बाद शिंदे महाराष्ट्र से पर्यटकों की वापसी की सुविधा के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए थे।

शिवसेना ने भी यात्रियों की वापसी के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था की थी और उपमुख्यमंत्री ने उन परिवारों से मुलाकात की थी जिन्होंने आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया था। शिवसेना (उबाठा) के नेता अरविंद सावंत ने सबसे पहले कहा कि वह और पार्टी सांसद संजय राउत बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि वे संसदीय समितियों का हिस्सा हैं और उस समय यात्रा पर थे।

इसके बाद राउत ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) ने सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लिया क्योंकि उनकी पार्टी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगती, जिससे विपक्षी सहयोगियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती। पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू करने के बाद सर्वदलीय बैठक में भाग लेने से पहले राउत ने कहा था कि वे पिछली सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि वे सरकार से ठोस कार्रवाई चाहते थे। सात मई को भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद शिवसेना (उबाठा) ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया था।

राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने कहा कि ठाकरे की अनुपस्थिति ठीक नहीं थी और पहलगाम हमले के बाद उन्हें वापस आ जाना चाहिए था। ‘इंडिया’ गठबंधन के एक प्रमुख भागीदार होने के नाते, शिवसेना (उबाठा) को सर्वदलीय बैठक में शामिल होना चाहिए था, लेकिन उसने भाग नहीं लिया।

राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई ने कहा कि अविभाजित शिवसेना अतीत में संकट के समय सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जानी जाती थी। उन्होंने कहा कि ठाकरे परिवार को अपनी यात्रा छोटी कर देनी चाहिए थी। देसाई ने कहा, "जब पहलगाम हमले के बाद शिवसेना-उबाठा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला था, तब उसके नेता क्या कर रहे थे?"

उन्होंने कहा कि अगर शीर्ष नेता छुट्टियां मना रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी खुद छुट्टी पर है। पार्टी ने उस तरह विरोध नहीं किया जैसा कि अविभाजित शिवसेना अतीत में करती थी। हालांकि पहलगाम हमले के बाद ठाकरे की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई, लेकिन भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद सात मई को उन्होंने एक बयान जारी किया। आदित्य ठाकरे ने हालांकि पहलगाम हमले, भारत की जवाबी कार्रवाई और राज्य में अन्य घटनाक्रमों के बारे में ‘एक्स’ पर लिखा था।

Web Title: Uddhav Thackeray family holiday during Pahalgam attack? Shiv Sena Ubatha leaders not attend all-party meeting know what political experts said

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