कश्मीर में आतंकवादियों की गोलीबारी में दो पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की मौत
By भाषा | Published: June 12, 2021 11:12 PM2021-06-12T23:12:51+5:302021-06-12T23:12:51+5:30
श्रीनगर, 12 जून उत्तर कश्मीर के सोपोर में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों को लागू कराने के लिए तैनात दो पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की शनिवार को उस समय मौत हो गई जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंवादियों ने हमला किया। इस घटना की सभी राजनीतिक धड़ों ने निंदा की है।
यह घटना श्रीनगर से करीब 55 किलोमीटर दूर सोपोर में उस समय हुई जब मुख्य शहर में कोविड-19 अनुकूल नियमों का अनुपालन कराने के लिए उपनिरीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस दल को तैनात किया गया था और उनपर भारी हथियार से लैस आतंकवादियों ने हमला कर दिया।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि चार पुलिसकर्मियों में से दो कांस्टेबल वसीम और शौकत की मौत हो गयी जबकि उपनिरीक्षक मुकेश कुमार और उनके एसपीओ दानिश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि कोविड-19 नियमों का अनुपालन कराने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है।उप निरीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व में सोपोर थाने की पुलिस वहां तैनात थी जब उनपर गोली चलाई गई।’’
सिंह ने मारे गए दो कांस्टेबल को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बताया कि ठेला लगाने वाले सहित तीन नागरिक इस हमले में घायल हुए हैं जिनमें से दो की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि एक की हालत में सुधार है।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी इतनी भीषण थी कि पुलिस पार्टी के वाहन में आग लग गई। उन्होंने बताया कि जवानों ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन आतंकवादी मौके से फरार हो गये ।
डीजीपी ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों ने इलाके में अभियान शुरू किया है और हमें उम्मीद है हम जल्द ही अपराध के गुनहगारों को न्याय के कटघरे में लाएंगे। हमारी सूचना के मुताबिक इस घटना में लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता थी और हमने हमले में शामिल आतंकियों की पहचान कर ली है, लेकिन अभी इस बारे में ब्योरा साझा नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बल खतरनाक परिस्थिति में काम करते हैं और कभी-कभार इस तरह के हमले हो जाते हैं।
हालिया दिनों में क्या आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं, इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर आप तुलनात्मक तौर पर देखें तो आतंकवाद बढ़ा नहीं घटा है। सभी इलाकों में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों का अच्छा नियंत्रण है और अभियान भी चलाए जाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकी कोविड-19 की वजह से हमारे अभियान में कमी आई है लेकिन हमने आतंकवादी समूहों पर दबाव कायम रखा है ताकि घाटी में शांति की और मजबूती सुनिश्चित की जा सके।’’
सोपोर में हुए हमले की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की है और आतंकवादियों को ‘मानवता का दुश्मन’ करार दिया।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘सोपोर और बारामूला में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मेरी गहरी संवेदना उन परिवारों के साथ है जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजन को खोया है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वाले ‘मानवता के दुश्मन है और ‘‘ऐसे घृणित और कायराना हरकत करने वाले को बिना सजा दिए बिना नहीं छोड़ा जाएगा।
नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को बारामूला जिले के सोपोर में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले की निंदा की।
अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सोपोर से बेहद दुखी करने वाली खबरें आ रही हैं। बिना किसी किंतु-परंतु के इस तरह के हमले की निंदा की जानी चाहिए। घायल लोगों के लिए प्रार्थनाएं और मृतकों के परिवार के प्रति संवेदनाएं।’’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के सोपोर शहर में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि बंदूक उठाने से किसी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता, केवल बातचीत के जरिए ही मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं।
महबूबा ने उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में संवाददाताओं से कहा, “ हम ऐसे हमलों की निंदा करते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर की किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।” जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के हमले कश्मीर के लोगों को बदनाम करते हैं।
उन्होंने कहा, “ न ही नयी दिल्ली की बंदूकों और न ही यहां के युवाओं द्वारा उठाई गईं बंदूकों से किसी मसले का हल निकलेगा। वास्तव में इससे समस्या और बढ़ेगी। इस तरह के हमले कश्मीर के लोगों को बदनाम करते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि आतंकवाद के नाम पर घाटी में और अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की जाती है। मेरा मानना है कि केवल बातचीत के जरिए ही प्रत्येक मुद्दे का हल निकाला जा सकता है।”
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे कायराना हरकत करार दिया।
राज्य में भाकपा के नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने सोपोर की घटना की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं सभी के सामने सवाल खड़ करती है कि आखिर कब तक कश्मीर में रक्तपात जारी रहेगा? हिंसा और हत्याएं कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। किसी भी तरह की हिंसा निंदनीय है और यह तुरंत खत्म होना चाहिए।’’
स्थानीय भाजपा इकाई ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकवाद का कोई स्थान नहीं है और बेगुनाह लोगों की हत्याएं बर्बर और कायराना है।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सजाद लोन ने कहा ने भी हमने की निंदा की।
हालांकि, आधिकारिक रूप से हमले में कुल चार लोगों की ही मौत हुई है।
अपनी पार्टी अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा, ‘‘हिंसा कभी भी समाधान नहीं हो सकती लेकिन किसी भी समाज के लिए शांति और प्रगति की बड़ी चाह हो सकती है। चरमपंथी तत्व लोगों की और पीड़ा बढा रहे हैं। राजनीतिक, वैचारिक और धार्मिक किसी भी प्रेरणा से हिंसा अस्वीकार्य है।
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