बिहार में दो दल मिले, लेकिन नहीं मिल रहे हैं नेताओं-कार्तकर्ताओं के दिल
By एस पी सिन्हा | Published: October 20, 2022 04:35 PM2022-10-20T16:35:51+5:302022-10-20T16:36:25+5:30
महागंठबंधन को लेकर दिलचस्प बात तो यह है कि राजद और जदयू की सूबे में भले ही सरकार चल रही है, लेकिन दोनों दलों के जिला स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दिल नही मिल पाया है।
पटना: बिहार विधानसभा की दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में हो रहे उपचुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। महागठबंधन की ओर से दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे में दोनों सीटों पर मुख्य मुकाबला राजद और भाजपा के बीच है।
यहां सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि राजद और जदयू की सूबे में भले ही सरकार चल रही है, लेकिन दोनों दलों के जिला स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दिल नही मिल पाया है। शायद यही कारण है कि जदयू के नेता-कार्यकर्ता चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं।
बताया जाता है कि जदयू के नेताओं और कार्यकार्ताओं में इस चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है। जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दबे जुबान यह जता दिया है कि यह गठबंधन सिर्फ सत्ता के लिए है। नेताओं का कहना है कि राजद को जब जरूरत होगी तो देखा जायेगा।
कुछ नेताओं ने तो नाम नही छापने के शर्त पर यहां तक कहा कि राजद के साथ दिल मिलना मुश्किल है क्योंकि दोनों दलों की सियासत विरोध से शुरू हुई थी। अब राज्य में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं और जदयू और राजद साथ आ गए हैं। जिसके बाद दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
ऐसे में भाजपा नेताओं का कहना है कि जदयू और राजद को गठबंधन कहा ही नहीं जा सकता। यह तो सत्ता के लिए समझौता है। उल्लेखनीय है कि मोकामा सीट से भाजपा ने बाहुबली नेता ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि राजद ने बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को मैदान में उतारा है।
अनंत सिंह के एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद उनकी विधायकी चली गई और मोकामा सीट खाली हो गई। वहीं, गोपालगंज से भाजपा ने कुसुम देवी को उम्मीदवार बनाया है। कुसम देवी दिवंगत विधायक सुभाष सिंह की पत्नी हैं। उनका मुकाबला राजद के मोहन गुप्ता से है।
चर्चाओं पर गौर करें तो जदयू के कार्यकर्ता-नेता मोकामा और गोपालगंज में राजद प्रत्याशी के खिलाफ काम कर रहे हैं। गोपालगंज में तो जदयू के नेता खुलकर राजद प्रत्याशी के समर्थन में नहीं उतरे हैं। ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।