भारतीय वायु सेना की हवाई करतब टीम सूर्य किरण के दो विमानों के यहां येलाहांका वायुसेना स्टेशन के पास मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक पायलट की मौत हो गई और दो अन्य सुरक्षित बाहर निकल आए।
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। एशिया के प्रमुख पांच दिवसीय एअर शो - एअरो इंडिया के शुरू होने से एक दिन पहले ही यह हादसा हुआ है। कार्यक्रम के रिहर्सल के दौरान उड़ान भरते वक्त यह दुर्घटना हुई।
घटनास्थल पर पहुंचे अग्निशमन सेवा के डीजीपी एम एन रेड्डी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “विमान में तीन पायलट सवार थे, एक की मौत हो गई, दो सुरक्षित लेकिन घायल हैं।” पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में एक आम नागरिक भी घायल हो गया।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे इसकी (घटना) जानकारी है।” हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया। तत्काल यह साफ नहीं हो सका कि दोनों विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या उनमें टक्कर भी हुई थी।
एक फरवरी को भी दो एयरफोर्स जवान हुए थे शहीद
एक फरवरी को बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयरफोर्स के मिराज-2000 विमान हादसे में स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी शहीद हो गए थे। अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी ‘एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट’ से थे। बेंगलुरू में हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड के हवाई अड्डे पर एक फरवरी को भारतीय वायु सेना का मिराज-2000 प्रशिक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना के परिप्रेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गयी है।
अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस याचिका में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का अनुरोध किया है जो मिराज हादसे की गहराई से जांच करे।
याचिका में कहा गया है कि समिति को चूक की वजह से होने वाली इस तरह की दुर्घटनाओं के लिये लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने तथा भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने के उपायों के बारे में सुझाव देने चाहिए। याचिकाकर्ता ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा है कि 2015-16 में भारतीय वायु सेना 35 से अधिक विमान और हेलीकाप्टर गंवा चुकी है और इसमें 45 मौतें हुई हैं।