केंद्र में सरकार बनाने के राहुल गांधी का समर्थन लेने को तैयार टीआरएस, कहा- ड्राइविंग सीट नहीं देंगे
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 14, 2019 07:09 PM2019-05-14T19:09:44+5:302019-05-14T19:09:44+5:30
टीआरएस प्रवक्ता ने कहा कि फेडरल फ्रंट में शामिल किसी पार्टी के पास प्रधानमंत्री पद जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फेडरल फ्रंट में शामिल पार्टियों की रायशुमारी के आधार पर पीएम पद का उम्मीदवार तय किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के लिए अभी एक चरण का मतदान बाकी है लेकिन केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए दलों के बीच अभी जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने सशर्त अपने पत्ते खोले हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव केंद्र में सरकार बनाने के लिए राहुल गांधी का समर्थन लेने को तैयार हैं लेकिन कांग्रेस को ड्राइविंग सीट देने को नहीं। पार्टी की ओर से कहा गया है कि उसके सीएम के चंद्र शेखर राव द्वारा प्रस्तावित क्षेत्रीय दलों का फेडरल फ्रंट यानी संघीय मोर्चा ड्राइविंग सीट न देने की शर्त पर केंद्र में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने को राजी है।
तेलंगाना के सीएम पिछले एक वर्ष से गैर-कांग्रेस और गैर-भाजपा क्षेत्रीय पार्टियों के फेडरल फ्रंट के विचार को लेकर चल रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता आबिद रसूल खान का अगले हफ्ते आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले राहुल गांधी से समर्थन लेने का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
खान के मुताबिक सीएम केसीआर अपने इस विचार पर एकदम दृढ़ हैं कि फेडरल फ्रंट के पास ड्राइविंग सीट होनी चाहिए और उसे सरकार चलानी चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक खान ने कहा कि फेडरल फ्रंट में शामिल किसी पार्टी के पास प्रधानमंत्री पद जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फेडरल फ्रंट में शामिल पार्टियों की रायशुमारी के आधार पर पीएम पद का उम्मीदवार तय किया जाएगा। खान ने यह भी कहा कि फेडरल फ्रंट किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी से गठजोड़ करने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा, ''हम बीजेपी के खिलाफ हैं। हमें बीजेपी के साथ कुछ भी लेना देना नहीं है, न ही उन्हें समर्थन देना है और न ही उनका समर्थन लेना है। केसीआर से बात कर रहे ज्यादातर घटकों की भी यही राय है कि वे बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।''
टीआरएस प्रवक्ता ने दावा ठोका कि इस लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा, वाईएसआरसीपी, डीएमके और टीआरएस बढ़िया प्रदर्शन करने जा रही हैं लेकिन कांग्रेस सौ सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अपने बलबूते 180 से 200 सीटें नहीं जीतती है तो इसका सहयोगी दल डीएमके उसके साथ कोई रुचि नहीं लेने वाला है और वह फेडरल फ्रंट में दिलचस्पी लेगा। उन्होंने कहा, ''कर्नाटक में जेडीयू की बड़ी भूमिका होगी। हमने कम्युनिस्ट पार्टियों से बोलना शुरू कर दिया है, उम्मीद है कि वे केरल और कुछ अन्य स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी।''