खुदकुशी से दंपत्ति की मौत के मामले में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने जांच के लिये बनाई एसआईटी
By भाषा | Updated: June 7, 2021 18:39 IST2021-06-07T18:39:59+5:302021-06-07T18:39:59+5:30

खुदकुशी से दंपत्ति की मौत के मामले में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने जांच के लिये बनाई एसआईटी
अगरतला, सात जून त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने दक्षिण त्रिपुरा जिले में एक ‘अवैध अदालत’ (कंगारू कोर्ट) द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बाद 23 वर्षीय एक लड़की के खुदकुशी करने के मामले में जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि पीड़ित की मौत के कुछ दिन बाद उसके पति ने भी खुदकुशी कर ली थी। तीन सदस्यीय एसआईटी में त्रिपुरा पुलिस के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान की कमांडेंट लकी चौहान, बेलोनिया की उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सौम्या देबबर्मन और त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग की प्रभारी बबीता भट्टाचार्जी होंगी।
मुख्य न्यायाधीश अकील ए कुरैशी और न्यायमूर्ति शुभाशीष तालपात्रा की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को एसआईटी को निर्देश दिया कि वह 25 जून को मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर अपनी रिपोर्ट पेश करे। पुलिस के मुताबिक एक ‘अवैध अदालत’ ने महिला पर विवाहेतर संबंधों का आरोप लगाकर सबरूम उपसंभाग के बेतागा में कथित तौर पर उसे निर्वस्त्र घुमाया था और उसे जूतों की माला भी पहनाई गई थी।
कथित प्रताड़ना के कुछ दिन बाद छह मई को गांव में महिला ने कथित तौर पर खुदकुशी कर जान दे दी थी। कुछ स्थानीय समाचारपत्रों में यह खबर प्रकाशित होने के बाद अदालत ने एक जनहित याचिका के आधार पर इस मामले पर संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। अदालत ने एसआईटी से पीड़िता के पति की मौत को भी अपनी जांच के दायरे में रखने को कहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।