Tripura Assembly Election 2023: ‘डीटीएच’ पर करेंगे काम, बीजेपी का घोषणापत्र, आदिवासी भाषा ‘कोकबोरोक’ को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम में करेंगे शामिल, जानें मुख्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 9, 2023 08:59 PM2023-02-09T20:59:31+5:302023-02-09T21:03:13+5:30
Tripura Assembly Election 2023: भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि धार्मिक गुरु अनुकुल चंद्र के नाम पर सभी के लिए पांच रुपये की भोजन योजना शुरू करने के साथ ही अगरतला में एक क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना भी की जाएगी।
Tripura Assembly Election 2023: भाजपा ने बृहस्पतिवार को वादा किया कि त्रिपुरा में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने पर वह आदिवासी क्षेत्रों के लिए अधिक स्वायत्तता, किसानों की आर्थिक सहायता और रबर आधारित उद्योग के विशिष्ट-विनिर्माण क्षेत्रों में वृद्धि करेगी।
राज्य में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि धार्मिक गुरु अनुकुल चंद्र के नाम पर सभी के लिए पांच रुपये की भोजन योजना शुरू करने के साथ ही अगरतला में एक क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना भी की जाएगी।
BJP National President Shri @JPNadda presents Bharatiya Janata Party's Manifesto for Tripura Assembly Elections 2023.#UnnatoTripuraSresthoTripurapic.twitter.com/1jzSdb0qJ3
— BJP (@BJP4India) February 9, 2023
नड्डा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम त्रिपुरा को ‘डीटीएच’ - विकास (डिवेलपमेंट), परिवर्तन (ट्रांसफॉर्मेशन) और सद्भाव (हार्मनी) के रास्ते पर ले जाएंगे।’’ घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रत्येक बालिका को 50,000 रुपये का बालिका समृद्धि बांड दिया जाएगा, जबकि आदिवासी भाषा ‘कोकबोरोक’ को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।
नड्डा ने कहा, ‘‘हम रबर और बांस पर आधारित उद्योग-विशिष्ट विनिर्माण क्षेत्र स्थापित करेंगे। 6,000 रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा 2,000 रुपये और प्रदान किए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है, तो आदिवासी क्षेत्रों के लिए विधायी, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियों सहित अधिक स्वायत्तता दी जाएगी।
मेघालय में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाली एकल माताओं (सिंगल मदर) को 3,000 रुपये प्रति महीने की सहायता और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा बृहस्पतिवार को किया। कांग्रेस ने कहा कि मेघालय को ‘5-स्टार’ राज्य बनाने के लक्ष्य से पार्टी द्वारा किए गए पांच बड़े वादों में यह दो भी शामिल हैं।
पूर्वोत्तर राज्य में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है। पार्टी ने राज्य को तीन समस्याओं- भ्रष्टाचार, बिजली कटौती और मादक पदार्थ- से मुक्त कराने का भी संकल्प लिया है। पार्टी ने व्यावसायिक और घरेलू उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और ऐसा कानून बनाने का वादा किया है जिसके तहत विकास और अवसंरचना से संबंधित सभी फाइल को पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा।
प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख विन्सेंट एच पाला ने कहा, “अगर कांग्रेस सरकार बनाती है तो वह बच्चों की परवरिश करने के लिए एकल माताओं (सिंगल मदर) को हर महीने तीन हज़ार रुपये देगी। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में और उन्हें अपना घर बेहतर तरीके से चलाने में मदद मिलेगी।
एक साल में यह 36,000 रुपये होंगे जो एक बड़ी रकम है।” पाला ने कहा, “राज्य में अच्छे रोज़गार के मौकों के अभाव की वजह से हमारे युवा निराश हैं और वे रोज़ी-रोटी कमाने के लिए नयी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे दूर-दराज़ के शहरों में जाने को मजबूर हैं। हमारी दूसरी प्रतिबद्धता मेघालय के हर घर से एक योग्य अभ्यर्थी को एक नौकरी प्रदान करना है।”
कांग्रेस ने यह भी वादा किया कि वह एक पारदर्शिता कानून लेकर आएगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मेघालय के प्रभारी मनीष चतरथ ने कहा, “ कांग्रेस सरकार आम नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम लेकर आई, लेकिन केंद्र में (नरेंद्र) मोदी सरकार और राज्य में एनपीपी शासन ने कानून को चरणबद्ध तरीके से कमजोर कर दिया और अंततः इसे महत्वहीन बना दिया।”
उन्होंने कहा कि नया कानून सरकार को विकास और बुनियादी ढांचे से संबंधित सभी फाइल को उनके बंद होने के छह महीने बाद पोर्टल पर अपलोड करने के लिए बाध्य करेगा, जिससे भ्रष्टाचार काफी हद तक कम होगा और शासन में अधिक पारदर्शिता आएगी। कांग्रेस ने 2018 में एनपीपी नीत गठबंधन के हाथों राज्य की सत्ता गंवा दी थी।