तृणमूल की पक्षपातपूर्ण नीति के चलते पश्चिम बंगाल में लाखों लोग कोविड-19 टीके से वंचित: अधिकारी

By भाषा | Updated: August 5, 2021 20:12 IST2021-08-05T20:12:33+5:302021-08-05T20:12:33+5:30

Trinamool's biased policy deprives lakhs of people of COVID-19 vaccine in West Bengal: Officials | तृणमूल की पक्षपातपूर्ण नीति के चलते पश्चिम बंगाल में लाखों लोग कोविड-19 टीके से वंचित: अधिकारी

तृणमूल की पक्षपातपूर्ण नीति के चलते पश्चिम बंगाल में लाखों लोग कोविड-19 टीके से वंचित: अधिकारी

कोलकाता, पांच अगस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में सरकार की ‘पक्षपातपूर्ण नीति’ के कारण लाखों लोगों को कोविड-19 का टीका लगवाने के मौके से वंचित करने को लेकर बृहस्पतिवार को सत्तारूढ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की निंदा की।

अधिकारी ने दावा किया कि केंद्र द्वारा भेजी गयी टीके की कम से कम नौ लाख शीशियां बर्बाद कर दी गयीं जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य मई से सभी को मुफ्त टीका लगाएगा एवं जरूरत पड़ी तो टीके खरीदेगा भी।

उन्होंने एक बैठक में भाजपा के स्वास्थ्य स्वयंसेवकों से कहा, ‘‘ लेकिन , पूरी तरह पलटी मारते हुए, उन्होंने अपना रूख बदल लिया एवं अब वह अपने राज्य में टीकाकरण की धीमी रफ्तार का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रही हैं।’’

अधिकारी ने आरोप लगाया , ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने (टीके) महज कुछ लाख शीशियां खरीदी हैं जबकि अन्य राज्यों ने इस मोर्चे पर अच्छा काम किया है। सत्तारूढ़ पार्टी मानव जीवन, पश्चिम बंगाल के 10 करोड़ लोगों के जीवन पर राजनीति करना चाहती है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में टीका संकट ‘तृणमूल कांग्रेस के करीबी’ लोगों को टोकन देने एवं लाइनों में खड़े लोगों को बाट जोहते छोड़ देने के चलते पैदा हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘ लाखों भाजपा समर्थकों का क्या होगा? क्या उन्हें कोविड-19 से बचने का हक नहीं है? क्या उनके माता-पिता को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार नहीं है।’’

विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में आये अधिकारी ने पार्टी के स्वास्थ्यस्वयंसेवकों से केंद्र द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगवाने की सलाह दी।

भारी वर्षा के बाद राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पर टिप्पणी करते हुए अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा अत्यधिक पानी छोड़ने के आरोपों में सच नहीं बोल रही हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ डीवीसी में राज्य के प्रतिनिधि हैं जो सरकार के अधिकारियों को पानी छोड़े जाने के बारे में सूचना देते हैं। इस सरकार के पास पिछले कुछ सालों में हर साल आ रही बाढ़ की स्थिति से निपटने की कोई आकस्मिक योजना नहीं है।’’

अधिकारी के बयान पर तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि उनकी तरह के भाजपा नेता ‘हताशा में’ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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