तृणमूल कांग्रेस की टीम को त्रिपुरा में रोक लिया गया , ममता पार्टी सांसदों को वहां भेजेंगी

By भाषा | Updated: July 28, 2021 22:08 IST2021-07-28T22:08:48+5:302021-07-28T22:08:48+5:30

Trinamool Congress team was stopped in Tripura, Mamta party will send MPs there | तृणमूल कांग्रेस की टीम को त्रिपुरा में रोक लिया गया , ममता पार्टी सांसदों को वहां भेजेंगी

तृणमूल कांग्रेस की टीम को त्रिपुरा में रोक लिया गया , ममता पार्टी सांसदों को वहां भेजेंगी

नयी दिल्ली, 28 जुलाई तृणमूल कांग्रेस द्वारा भेजी गयी एक टीम को भाजपा शासित त्रिपुरा में ‘रोक लिये जाने’ के कुछ दिन बाद अब पार्टी के सांसद डेरेक ओब्रायन और काकोली घोष दस्तीदार बृहस्पतिवार को वहां जायेंगे।

त्रिपुरा में 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में यह राज्य तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होने की संभावना है क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने की जुगत में लगी है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने लोगों को प्रारंभिक जायजा करने के लिए त्रिपुरा भेजा। मंगलवार रात को उन्हें नोटिस मिला कि उनके विरूद्ध आपराधिक जांच शुरू की गयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एक टीम पहले से वहां है। जब वह टीम लौटकर आएगी, तब मैं अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओब्रायन और अन्य को भेजूंगी। ’’

तृणमूल के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अन्य राज्यों में अपनी चुनावी संभावनाओं की समीक्षा कर रही है और कोरोना वायरस की स्थिति सामान्य हो जाने के बाद कुछ गठबंधन होने की संभावना है।

उन्होंने संकेत दिया कि तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में ‘ चुनाव जीतने’ या मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरने की तैयारी में जुटी है।

बनर्जी ने इस पूर्वोत्तर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तृणमूल कांग्रेस की टीम के सदस्यों को एक होटल में रोककर रखने और उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और कानून मंत्री मोलोय घटक अगरतला में हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि तृणमूल की टीम चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पीएसी के प्रतिनिधियों के साथ त्रिपुरा में सर्वेक्षण करने के लिए है।

त्रिपुरा में 2016 में कांग्रेस के छह विधायकों के साथ अपने साथ आने के बाद तृणमूल कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थी लेकिन मुकुल राय के तृणमूल छोड़कर भाजपा में आने के बाद इस पूर्वोत्तर राज्य में तृणमूल की संभावनाओं को एक बड़ा झटका लगा। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 36 सीटें जीती और आईपीएएफटी ने आठ तथा माकपा ने 16 सीटें हासिल की। तृणमूल को कोई भी सीट नहीं मिली।

पश्चिम बंगाल में शानदार जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा में अपनी पुरानी स्थिति बहाल करने का फैसला किया है। पार्टी को आस है कि राय के वापस आने और किशोर के मार्गदर्शन से 2023 के त्रिपुरा के चुनाव में उसे फायदा मिलेगा।

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Web Title: Trinamool Congress team was stopped in Tripura, Mamta party will send MPs there

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