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तृणमूल कांग्रेस ने कहा: दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा हमारे लिए कोई झटका नहीं

By भाषा | Updated: February 12, 2021 21:41 IST

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नयी दिल्ली, 12 फरवरी तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद दिनेश त्रिवेदी के राज्यसभा की सदस्यता की इस्तीफा देने की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि उनका फैसला चौंकाने वाला है, लेकिन यह उसके लिए कोई झटका नहीं है।

पार्टी प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने यह भी कहा कि इतना बड़ा फैसला करने से पहले त्रिवेदी को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करनी चाहिए थी।

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व रेलमंत्री त्रिवेदी ने ‘‘पश्चिम बंगाल में हिंसा’’ और ‘‘घुटन’’ का हवाला देते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में अपनी सदस्यता से त्यागपत्र देने की घोषणा की, हालांकि आसन की तरफ से उनकी इस पेशकश को यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि इसके लिए उन्हें समुचित तरीका अपनाना पड़ेगा।

उच्च सदन में बजट पर चर्चा के दौरान त्रिवेदी ने यह घोषणा की।

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कुछ नेताओं को इसकी भनक पहले से लग गई थी कि त्रिवेदी ऐसा कदम उठाने वाले हैं।

सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बाबत ममता बनर्जी से बात की, लेकिन तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने कहा कि जब त्रिवेदी ने मन बना लिया है तो फिर उन्हें मनाने की जरूरत नहीं है।

त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा के बाद तृणमूल नेता विवेक गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिनेश जी के खिलाफ मैं कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि वह राजनीति में बहुत वरिष्ठ हैं, लेकिन उनके फैसले से हम स्तब्ध हैं।’’

यह पूछे जाने पर क्या यह तृणमूल कांग्रेस के लिए झटका है तो उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के लिए झटका नहीं है। हम लोगों के लिए व्यक्तिगत झटका है क्योंकि उनके साथ कई साल तक काम किया और बहुत कुछ सीखा है।’’

पूर्व सांसद गुप्ता के मुताबिक, ‘‘जहां तक मेरी जानकारी है कि उन्होंने दीदी से इस बारे में चर्चा नहीं की थी। उनको बात करनी चाहिए थी। अगर उनके इरादे कुछ और हैं तो बात अलग है।’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ यह पहली बार सुनने में आया है कि उनको घुटन हो रही है। उनको पिछले चुनाव में बैरकपुर से अर्जुन सिंह ने हराया था। ऐसे में क्या वह भाजपा और अर्जुन सिंह द्वारा की गई हिंसा की ओर इशारा कर रहे हैं?’’

गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने त्रिवेदी को कई बार राज्यसभा भेजा, रेल मंत्री बनाया और पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया। ऐसे में उनको पार्टी से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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