अदालतों में मामलों के त्वरित निपटारे के लिये कर्मचारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता : राष्ट्रपति

By भाषा | Updated: March 6, 2021 18:40 IST2021-03-06T18:40:56+5:302021-03-06T18:40:56+5:30

Training of staff required for speedy disposal of cases in courts: President | अदालतों में मामलों के त्वरित निपटारे के लिये कर्मचारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता : राष्ट्रपति

अदालतों में मामलों के त्वरित निपटारे के लिये कर्मचारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता : राष्ट्रपति

जबलपुर(मप्र), छह मार्च राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकदमों के त्वरित निपटारे के लिए जिला अदालतों के न्यायाधीशों के साथ-साथ अर्द्ध-न्यायिक कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान करने की जरूरत पर शनिवार को जोर दिया।

राष्ट्रपति ने यहां अखिल भारतीय राज्य न्यायिक अकादमियों के निदेशकों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘अब जरूरत है कि देश की अदालतों, विशेष रूप से जिला अदालतों में लंबित मुकदमों का शीघ्रता से निस्तारण करने के लिए न्यायाधीशों के साथ-साथ अन्य न्यायिक एवं अर्ध-न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इनके बीच, ज्ञान एवं सूचना के आदान-प्रदान के लिए ऐसे सम्मेलनों के अलावा, कोई अन्य स्थायी मंच स्थापित किया जा सकता है। इससे, एक ओर जहां मुकदमों के निस्तारण में तेजी आ सकती है, वहीं न्यायिक प्रशासन से जुड़ी प्रक्रियाओं में अखिल भारतीय परिदृश्य का भी विकास हो सकता है।’’

सम्मेलन का आयोजन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी (एमपीएसजेए) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

कोविंद ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए एमपीएसजेए के प्रयासों की भी सराहना की।

राष्ट्रपति ने न्यायिक प्रणाली में तकनीक के उपयोग में वृद्धि का भी स्वागत करते हुए कहा कि देश में 18,000 अदालतों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा, " तकनीक के उपयोग से लॉकडाउन की अवधि में जनवरी 2021 तक पूरे देश में लगभग 76 लाख मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालतों में की गई।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘अब ई-अदालत, वीडियो कॉन्फ्रेंस, ई-कार्यवाही, ई-फाइलिंग और ई-सेवा केन्‍द्रों की सहायता से जहां न्याय-प्रशासन की सुगमता बढ़ी है, वहीं कागज के इस्तेमाल में कमी आने से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण संभव हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ उच्च न्यायालय भी स्थानीय भाषा में अदालती फैसलों का अनुवाद कराने लगे हैं। मैं इस प्रयास से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। लेकिन अब मेरी अपेक्षाएं कुछ और बढ़ गई हैं। मैं चाहता हूं कि सभी उच्च न्यायालय, अपने-अपने प्रदेश की अधिकृत भाषा में, जन-जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों से जुड़े निर्णयों का प्रमाणित अनुवाद, उच्चतम न्यायलय की तरह एक ही समय पर उपलब्ध व प्रकाशित कराएं।

राष्ट्रपति ने उनके सुझाव पर शीर्ष अदालत द्वारा इस दिशा में कार्य करते हुए न्यायालय के निर्णयों का अनुवाद नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की प्रशंसा की।

राष्ट्रपति शनिवार से मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

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Web Title: Training of staff required for speedy disposal of cases in courts: President

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