झारखंड के लातेहार में हाथियों को बचाने के लिए रोकी गई ट्रेन, टला बड़ा हादसा
By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2022 04:00 PM2022-08-27T16:00:49+5:302022-08-27T16:02:23+5:30
झारखंड के लातेहार में बड़ी संख्या में जंगली हाथी पाए जाते हैं। यहां कई बार हाथी रेलवे ट्रैक पर भी आ जाते हैं। ऐसी ही एक घटना में पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में हांथियों को बचाने के लिए शक्तिपुंज एक्सप्रेस को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोकना पड़ा।
रांची: झारखंड के लातेहार में पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में हांथियों को बचाने के लिए शक्तिपुंज एक्सप्रेस को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोकना पड़ा। दरअसल, पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेल मंडल में पड़ने वाले इस लाइन में डाऊन शक्तिपुंज एक्सप्रेस आ रही थी, तभी लोको पायलट को ट्रैक पर हाथियों का झूंड दिखाई दिया। इसके बाद ट्रेन के वरिष्ठ लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी और सहायक लोको पायलट रजनीकांत चौबे ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया और लगभग 10 से 12 हाथियों के झुंड को जाने दिया।
बताया जाता है कि हाथियों का झुंड जब जंगल की ओर चला गया, इसके बाद ही ट्रेन को आगे बढ़ाया गया। इस घटना के संबंध में सहायक लोको पायलट रजनी कान्त चौबे ने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी और गर्व हो रहा है कि मैंने समय रहते ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगा हाथियों को कटने से बचा लिया। रेलवे के लोको पायलट की इस पहल का वन विभाग के अधिकारी और वन्यजीव विशेषज्ञ काफी प्रशंसा कर रहे हैं।
वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. डीएस श्रीवास्तव ने कहा कि यह लोको पायलट की सतर्कता का परिणाम है कि हाथियों की जान बच गई। उल्लेखनीय है कि यह एरिया एलिफैंट कॉरिडोर है। इस क्षेत्र में हाथियों का लगातार मूवमेंट रहता है। वहीं पर्यावरण प्रेमी और पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी लगातार पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरने वाली इस लाइन को डाइवर्ट करने की मांग कर रहे हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि इस मार्ग पर थर्ड लाइन बनने के बाद टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में बंट जायेगा और जानवरों के लिए इधर से उधर जाना काफी मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि झारखंड के लातेहार में बड़ी संख्या में जंगली हाथी पाए जाते हैं। इस इलाके में इंसानों और हाथियों का आमना सामना होता रहता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 7 महीनों में हाथियों के हमले में राज्य में 52 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान अलग-अलग वजहों से 8 हाथियों की भी जान गई है। झारखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में वन विभाग के प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने हाथियों के उत्पात से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया था कि वर्ष 2021-22 में हाथियों द्वारा राज्य में जानमाल को नुकसान पहुंचाए जाने से जुड़े मामलों में वन विभाग ने एक करोड़ 19 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है।