ओडिशा में जबरन मजदूरी के लिए तस्करी, साइबर अपराध में वृद्धि : एनसीआरबी
By भाषा | Published: September 19, 2021 01:46 PM2021-09-19T13:46:04+5:302021-09-19T13:46:04+5:30
भुवनेश्वर, 19 सितंबर पिछले साल जबरन मजदूरी के लिए जिन लोगों की तस्करी की गयी उनमें सबसे ज्यादा लोग ओडिशा के थे और राज्य में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के बीच साइबर अपराध में भी 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश में हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों की उच्च दर वाले राज्यों में से एक ओडिशा है। साथ ही हिट एंड रन, डकैती और आपराधिक धमकी के मामलों में प्रति लाख की आबादी पर सबसे अधिक अपराध दर ओडिशा में दर्ज की गयी।
मंगलवार को प्रकाशित ‘भारत में अपराध 2020’ रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में साइबर अपराध की दर प्रति लाख आबादी पर 4.2 प्रतिशत थी जो राष्ट्रीय दर 3.7 से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 2020 में साइबर अपराध के 1,931 दर्ज किए गए जो पिछले साल के मुकाबले 30.03 प्रतिशत अधिक है।
राज्य में मानव तस्करी के 103 मामले आए जो 2019 में सामने आयी 147 घटनाओं से 29.93 प्रतिशत कम है। हालांकि, जिन लोगों की तस्करी की गयी उनकी संख्या 741 दर्ज की गई जो देश में दूसरी सबसे अधिक संख्या है। इसमें 287 महिलाएं और 159 बच्चे शामिल हैं।
एनसीआरबी ने बताया कि ओडिशा 18 साल से अधिक आयु के लोगों की तस्करी के मामलों की सूची में पहले स्थान पर है। जबरन मजदूरी के मकसद से 653 लोगों की तस्करी की गयी, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक है। देश में पिछले साल जबरन मजदूरी के लिए जिन लोगों की तस्करी की गयी उनके मुकाबले यह संख्या 44.97 प्रतिशत है।
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