Top Morning News: दो घंटे में कोविड-19 के सटीक नतीजे देने वाली टेस्ट किट तैयार, पढ़ें अब तक की बड़ी खबरें
By गुणातीत ओझा | Published: April 18, 2020 06:45 AM2020-04-18T06:45:44+5:302020-04-18T06:45:44+5:30
केरल के मेडिकल संस्थान ने दो घंटे में कोविड-19 की पुष्टि कर सकने वाली जांच किट विकसित की
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि केरल के श्री चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेंद्रम ने कम कीमत वाली एक ऐसी जांच किट विकसित की है, जो महज दो घंटे में कोविड-19 की पुष्टि कर सकती है। हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘‘तिरूवनंतपुरम के संस्थान द्वारा विकसित की गई जांच किट 10 मिनट में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकती है और नमूना लेने से लेकर नतीजे आने तक में दो घंटे से भी कम समय लगेगा।’’ एक मशीन पर एक ही साथ 30 नमूनों की जांच की जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘(संक्रमण की)पुष्टि करने वाली जांच किट, जो वायरल न्यूक्लिक एसिड का उपयोग कर सार्स-सीओवी-2 के एन जीन का पता लगाती है, वह भले ही दुनिया में अपनी तरह की पहली ना भी हो तो, इस तरह की पहली बहुत थोड़ी जांच किट में से एक अवश्य होगी।’’ इस जांच किट का नाम चित्रा जीन लैम्प-एन है।
पाकिस्तान में तबलीगी जमात के 429 सदस्य संक्रमित पाए गए
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तबलीगी जमात संगठन के 429 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने बताया कि पंजाब प्रांत के रायविंड में तबलीगी जमात के वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 429 सदस्यों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर सभी संक्रमितों को पृथक वास में भेजा गया है। वहीं, पाकिस्तान में शुक्रवार को 137 संक्रमित लोगों मौत के साथ संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़ कर 7,260 पर पहुंच गई।
कोविड-19 के युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए सरकार कितना तैयार : अदालत
झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या और अलग- अलग जिलों में संक्रमण फैलने पर चिंता जताते हुए इसे युद्ध जैसे हालात बताया और सरकार से पूछा है कि वह इससे निपटने के लिए कितनी तैयार है? मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ ने सरकार से पूछा है कि इस युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए वह कितनी तैयार है? पीठ ने पूछा है, ‘‘सरकार के पास पर्याप्त मानव शक्ति और संसाधन है या नहीं? इस स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस योजना तैयार की गयी है या नहीं।’’ अदालत ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में 24 अप्रैल तक एक रिपोर्ट उसे सौंपे। शुक्रवार को वीडियोकांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि केंद्र सरकार से 25 हजार पीपीई, 10 हजार जांच किट और 300 वेंटिलेटर की मांग की गयी थी और इसे तत्काल उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है और न ही संसाधन ही दिए गए हैं।
महाराष्ट्र में कोविड-19 के 118 नए मामले, कुल संख्या बढ़ कर 3,320 हुई
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के शुक्रवार को 118 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक 3,320 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि 20 अप्रैल से कुछ औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होंगी लेकिन यह कोरोना वायरस रोकथाम/उन्मूलन के लिए तय नियमों के पालन के आधार पर होगा। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने आज बताया कि शुक्रवार को राज्य में सात लोगों की संक्रमण से मौत हुई हैं अभी तक कुल 201 लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर 331 लोग अपने घर लौट चुके हैं। अभी तक 61,740 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच हुई है। उन्होंने बताया कि जिन सात लोगों की मौत हुई है उनमें से पांच मुंबई के हैं और उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोग जैसी बीमारियां थीं। राज्य में अभी तक संक्रमण के 3,320 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से 2,085 मामले मुंबई के हैं। वहीं कुल 201 मौतों में से 122 लोगों की मौत अकेले मुंबई शहर में हुई है।
मरीजों को लौटाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी : हर्षवर्धन
कोविड-19 के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को इलाज के बगैर वापस लौटाये जाने की कई शिकायतें मिलने पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि यदि ऐसे किसी भी मरीज को इलाज किये बिना वापस लौटाया जाता है तो इस मामले में अस्पताल और स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और यहां के प्रमुख केन्द्रीय अस्पतालों के, दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों और एमसीडी के नगर आयुक्तों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में यह बात कही। हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें फोन, सोशल मीडिया, ट्विटर और प्रिंट मीडिया के जरिए तमाम शिकायतें मिली हैं कि कोविड-19 के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को बिना इलाज लौटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मरीजों में ऐसे लोग हैं जिन्हें डायलिसिस, खून चढ़ाने की जरुरत है या फिर जिन्हें सांस लेने संबंधी और हृदय रोग हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘हमें आपात स्थिति में अस्पताल आने के बाद इलाज से मना किए जाने वाले इन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के बारे में सोचना होगा।