शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से तीन दोषियों की अपीलों पर तेजी से सुनवायी करने को कहा
By भाषा | Published: October 25, 2021 08:29 PM2021-10-25T20:29:05+5:302021-10-25T20:29:05+5:30
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से उन तीन दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर तेजी से विचार करने के लिए कहा जिन्होंने 2004 के हत्या के एक मामले में अपनी दोषसिद्धि और सुनायी गई उम्रकैद की सजा को इस आधार पर चुनौती दी है वे पहले ही 17 साल से अधिक समय से हिरासत में हैं।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता मामले में पहले ही काफी जेल की सजा काट चुके हैं।
पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा मामले के असाधारण तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, हमने उच्च न्यायालय से रिट याचिकाकर्ताओं द्वारा दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील को तेजी से सुनवायी के लिए लेने का अनुरोध किया।’’
शीर्ष अदालत तीन दोषियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने कहा है कि वे 17 साल से अधिक समय से जेल में हैं और निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी अपील 2006 से उच्च न्यायालय में लंबित है।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने पीठ को बताया कि राज्य द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, इन दोषियों ने लगभग 17 साल आठ महीने की सजा काट ली है।
उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि यह एक नाबालिग लड़के के अपहरण और हत्या का मामला है और दोषी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं और मामले में तेजी लाई जा सकती है।
राज्य के वकील ने कहा कि दोषियों ने मामले में खुद उच्च न्यायालय के समक्ष स्थगन लिया था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह याचिका में की गई एक अनुरोध पर जोर दे रहे हैं कि उच्च न्यायालय से अपीलों का जल्द निपटारा करने के लिए कहा जाए।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले राज्य सरकार से उस याचिका पर जवाब देने को कहा था जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपीलें 2006 से उच्च न्यायालय में लंबित हैं।
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