समान विचारों वाले देशों को मिलकर हिन्द प्रशांत में हितों की सुरक्षा करनी चाहिए : मॉरिसन
By भाषा | Updated: April 15, 2021 16:35 IST2021-04-15T16:35:54+5:302021-04-15T16:35:54+5:30

समान विचारों वाले देशों को मिलकर हिन्द प्रशांत में हितों की सुरक्षा करनी चाहिए : मॉरिसन
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मॉरिसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र सामरिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन गया है और समान विचार वाले देशों को विविध चुनौतियों से अपने साझा हितों की सुरक्षा के लिये अधिक दृढ़ता और एकरूपता के साथ काम करने की जरूरत है ।
रायसीना वार्ता में हिस्सा लेते हुए मॉरिसन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्थायी सामरिक संतुलन बनाने के लिये नये अवसरों के सृजन के संदर्भ में नयी संभावना पेश की है ।
किसी देश का नाम लिये बिना आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय दावों को लेकर बढ़ते तनाव और क्षेत्र में सैन्य आधुनिकीकरण की अभूतपूर्व रफ्तार का भी उल्लेख किया ।
डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ लोकतांत्रिक संप्रभु देशों को विदेशी हस्तक्षेप के जरिये धमकाया और मजबूर किया जा रहा है । साइबर हमले अधिक आधुनिक रूप ले चुके हैं जिसमें सरकार पोषित कारक भी शामिल हैं। ’’
मॉरिसन ने कहा, ‘‘ आर्थिक दबाव को नीतिगत उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है । उदारवादी नियमों एवं मानदंडों को निशाना बनाया जा रहा है और एक बड़े ध्रुवीकरण के खतरे की ओर हमारी दुनिया बढ़ रही है । ’’
उन्होंने कहा कि सत्तावादी शासन और उदारवादी लोकतंत्रों के बीच ध्रुवीकरण हो रहा है । उन्होंने कहा कि उदारवादी लोकतंत्र और उदारवादी मूल्यों ने वैश्विक व्यवस्था को आधार प्रदान किया है और दुनिया को काफी कुछ दिया है ।
उन्होंने कहा कि समान विचार वाले देशों को अपने साझे हितों की सुरक्षा के लिये अधिक दृढ़ता और एकरूपता के साथ काम करने की जरूरत है ।
मॉरिसन ने कहा, ‘‘ हिन्द प्रशांत ऐसा क्षेत्र है जो हमारी सुरक्षा, समृद्धि, हमारी नियति, व्यक्तिगत भाव एवं सामूहिकता को आकार प्रदान करेगा । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हिन्द प्रशांत क्षेत्र सामरिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र है । ’’
गौरतलब है कि चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता के मद्देनजर हिन्द प्रशांत क्षेत्र वैश्विक ताकतों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है । भारत, अमेरिका, अस्ट्रेलिया और जापान ने चतुर्गुट या क्वाड समूह का खाका तैयार किया है जिसका मकसद हिन्द प्रशांत क्षेत्र को मुक्त एवं समावेशी बनना है।
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