टीएमसी विधायकों, नेताओं को पहले दिन लगा कोविड-19 का टीका, विवाद गहराया

By भाषा | Published: January 16, 2021 11:02 PM2021-01-16T23:02:32+5:302021-01-16T23:02:32+5:30

TMC MLAs, leaders got Kovid-19 vaccine on first day, controversy deepened | टीएमसी विधायकों, नेताओं को पहले दिन लगा कोविड-19 का टीका, विवाद गहराया

टीएमसी विधायकों, नेताओं को पहले दिन लगा कोविड-19 का टीका, विवाद गहराया

बर्धमान/अलीपुरदुआर (पश्चिम बंगाल), 16 जनवरी दो विधायकों सहित तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में कोविड-19 का टीका दिया गया जबकि कई स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें टीका नहीं लगाया गया जबकि उन्हें इसके लिए बुलाया गया था।

जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि ये नेता विभिन्न अस्पतालों से रोगी स्वास्थ्य समितियों के सदस्यों के तौर पर जुड़े हुए हैं, जिससे वे पहले दौर में टीकाकरण कार्यक्रम के लिए योग्य थे।

भातर राज्य सामान्य अस्पताल में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक सुभाष मंडल को पहला टीका दिया गया। इसके बाद पार्टी के पूर्व विधायक बनमाली हजरा, जिला परिषद् से जुड़े जाहर बागडी और भातर पंचायत समिति के जनस्वास्थ्य प्रभारी महेंद्र हजार ने भी टीका लगवाया।

कटवा अनुमंडल अस्पताल में सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय विधायक रबिंद्रनाथ चटर्जी उन 34 लोगों में शामिल रहे जिन्हें पहले दिन टीका लगाया गया।

केंद्र सरकार ने पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं के लिए नि:शुल्क टीकाकरण कार्यक्रम का लक्ष्य रखा है। सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुझाव दिया था कि जनप्रतिनिधियों को शुरुआती टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होना चाहिए। उनका इशारा नेताओं की तरफ था।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने जहां पहले दिन टीका लगवाया, वहीं जिले में कई स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें टीका लगवाने के लिए बुलाया गया लेकिन टीका नहीं लगाया गया।

बर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक नर्स ने कहा कि उसे सुबह नौ बजे टीका लगवाने के लिए बुलाया गया और समय पर पहुंचने के बावजूद उसे टीका नहीं लगाया गया।

अस्पताल की कुछ अन्य नर्सों ने भी नाम नहीं बताने की शर्त पर इसी तरह का आरोप लगाया।

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रणब राय ने कहा कि टीका लगवाने वाले जनप्रतिनिधि विभिन्न अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों में शामिल हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को ‘‘लूट’’ करार दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना टीके की लूट हो गई। प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं के लिए नि:शुल्क टीका भेजा। लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी के विधायकों, गुंडों ने जबरन टीके लगवा लिए।’’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कम संख्या में टीके भेजे।

उन्होंने ट्वीट किया कि यह ‘‘शर्मनाक’’ है।

सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद सौगत राय ने कहा कि बेहतर होता कि पार्टी नेताओं ने टीके नहीं लगवाए होते।

अलीपुरदुआर में तृणमूल कांग्रेस के विधायक सौरभ चक्रवर्ती का नाम कोविड-19 टीकाकरण की सूची में शीर्ष पर था। बहरहाल, उन्होंने दावा किया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मैं अभी कोई टीका नहीं लगवा रहा हूं और इस बारे में मैंने स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया है।

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