कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी एक टीवी कार्यक्रम में की थी। अब तृणमूल कांग्रेस का एक 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल दिलीप घोष पर कार्रवाई की मांग के लिए गुरूवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिला।
क्या कहा था दिलीप घोष ने?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस सियासी घमासान के पीछे आखिर वजह क्या है। दरअसल एक टीवी कार्यक्रम के दौरान दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में कहा था कि जब ममता बंगाल जाती हैं तो खुद को बंगाल की बेटी कहती हैं। जब गोवा जाती हैं तो गोवा की बेटी बन जाती हैं। मां-बाप का कोई ठिकाना नहीं है। कभी भी कुछ भी बोल देती हैं।
दिलीप घोष के इस बयान के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस उन पर हमलावर है। टीएमसी में नं. 2 माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा है कि भाजपा के नेता इस तरह देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करते हैं।
दिलीप घोष के बयान पर टीएमसी सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने भी बयान जारी कर कार्रवाई की मांग की है। डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बयान को महिला विरोधी बताया है।
बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने जाने वाले टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में कुनाल घोष, माला रॉय, डॉ. काकोली घोष दस्तीदार और तपस रॉय जैसे नेता शामिल रहे।