जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जातीं तब तक सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे : टिकैत

By भाषा | Updated: February 14, 2021 20:25 IST2021-02-14T20:25:07+5:302021-02-14T20:25:07+5:30

Till the farmers' demands are not accepted, the government will not let them sit peacefully: Tikait | जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जातीं तब तक सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे : टिकैत

जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जातीं तब तक सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे : टिकैत

करनाल, 14 फरवरी सरकार के खिलाफ रुख और कड़ा करते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जाती हैं तब तक सरकार को चैन से बैठने नहीं देंगे।

करनाल जिले की इंद्री अनाज मंडी में किसानों की ‘महापंचायत’ को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे 40 नेता पूरे देश में घूम-घूम कर समर्थन मांगेंगे।

टिकैत ने कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा, ‘‘जब तक सरकार हमारे पक्ष में फैसला नहीं करती, समिति (प्रदर्शनकारी नेताओं) से बात नहीं करती और हमारी मांगों पर सहमत नहीं होती, तब तक हम उसे चैन से बैठने नहीं देंगे।’’

उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र के कृषि कानूनों से ‘‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली खत्म हो जाएगी।’’

टिकैत ने कहा कि कानून न केवल किसानों को बल्कि छोटे किसानों, दिहाड़ी मजदूरों और अन्य वर्गों को भी प्रभावित करेगा।

इन कानूनों को लाने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘ गोदाम पहले बन गए और कानून बाद में आया। क्या किसान नहीं जानते कि ये कानून बड़े कॉरपोरेट के पक्ष में है? इस देश में भूख का कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

भाकियू नेता ने दोहराया, ‘‘ पंच और मंच वहीं रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘समिति द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा वह सभी को स्वीकार्य होगा। देश के किसान उसके साथ खड़ा है।’’

टिकैत के अलावा इस ‘महापंचायत’ में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और भाकियू हरियाणा शाखा के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी भी मौजूद रहे।

राजेवाल ने कहा कि किसान महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांग नहीं सुन रही है।

पाल ने कहा कि 200 से अधिक किसानों ने प्रदर्शन में अपना बलिदान दिया है और उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Till the farmers' demands are not accepted, the government will not let them sit peacefully: Tikait

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे