श्मशान घाट की छत गिरने के मामले में तीन अधिकारी गिरफ्तार, पीड़ितों के परिजन ने राजमार्ग बाधित किया
By भाषा | Updated: January 4, 2021 20:31 IST2021-01-04T20:31:13+5:302021-01-04T20:31:13+5:30

श्मशान घाट की छत गिरने के मामले में तीन अधिकारी गिरफ्तार, पीड़ितों के परिजन ने राजमार्ग बाधित किया
गाजियाबाद (उप्र), चार जनवरी गाजियाबाद पुलिस ने यहां एक श्मशान घाट की छत ढहने के मामले में तीन नगर निकाय अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया, वहीं इलाके में तनाव बढ़ने के बीच हादसे में मारे गए लोगों के परिजन ने अधिक मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर दो शव रखकर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग जाम कर दिया।
इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने बताया कि अधिकारियों ने 10 लाख रुपए का मुआवजा और प्रत्येक पीड़ित के परिवार को सरकारी नौकरी देने की सहमति दी। इसके बाद लोगों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया और शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए।
राजा ने बताया कि मुरादनगर नगरपालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे रविवार को ढह गयी इमारत के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया में शामिल थे।
राजा ने बताया कि पुलिस की टीम ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए उसके संभावित ठिकानों पर छापे मार रही है।
मुरादनगर में रविवार को एक श्मशान घाट की छत ढह जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे। पीड़ितों में से अधिकतर लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट आए थे।
अधिकारियों ने बताया कि श्मशान घाट में जिस गलियारे की छत ढही है, उसका निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ था। इस गलियारे को बनाने में करीब 55 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसे 15 दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया था।
इससे पहले पीड़ितों के परिजन ने मुरादनगर थाने के निकट दिल्ली-मेरठ राजमार्ग जाम कर दिया। इसके कारण सुबह व्यस्त समय में अहम मार्ग पर सैकड़ों वाहन फंस गए।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि उनसे बातचीत के लिए जिलाधिकारी को बुलाया जाए, ताकि वे हर शोकसंतप्त परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा और हर पीड़ित परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग उनके सामने रख सकें।
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी बाद में प्रदर्शनस्थल पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की।
जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शहरी विकास मंत्री और गाजियाबाद के जिला प्रभारी सुरेश खन्ना ने भी यहां का दौरा किया और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है और प्रशासन हादसे में मारे गये लोगों के बच्चों के लिए उनके वयस्क होने तक निशुल्क शिक्षा की भी व्यवस्था करेगा।
उन्होंने कहा कि 24 शवों में से 11 का अंतिम संस्कार उखलारसी गांव के श्मशान घाट पर किया गया और बाकी का उनके पैतृक स्थलों पर किया गया। उनके परिवार के सदस्य शव ले गये।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘‘यह राज्य में ‘‘संगठित भ्रष्टाचार का एक जीवंत उदाहरण’’ था।
उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि छत के ढहने से पता चलता है कि ‘‘घटिया सामग्री’’ का उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा रहा था और कथित सरकारी अधिकारी और ठेकेदार खुद ‘‘कमीशन’’ प्राप्त करने के लिए लोगों की जान खतरे में डाल रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि मुरादनगर श्मशान में काम की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी, लेकिन उनकी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने हादसे में मारे गये लोगों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दिये जाने का अनुरोध किया।
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