नयी दिल्ली, 28 मार्च वन्यजीव आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत ‘‘प्रजनन के मकसद’’ से चेन्नई और नागपुर से जल्द ही तीन बाघ दिल्ली चिड़ियाघर लाए जाएंगे।
चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडे ने बताया कि नागपुर के गोरेवाडा चिड़ियाघर से दो और चेन्नई से एक बाघ लाए जाने की योजना है।
चिड़ियाघर में पिछले साल नवंबर में प्रजनन के मकसद से कानपुर से एक रॉयल बंगाल बाघिन लाई गई थी।
दिल्ली चिड़ियाघर भी रॉयल बंगाल टाइगर के ‘‘संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम’’ में भागीदार है।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुसार, संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम उन प्रजातियों के संरक्षण का प्रयास है, जिनकी संख्या कई कारणों से कम हो रही है।
पांडे ने बताया कि इस समय दिल्ली चिड़ियाघर में पांच सफेद बाघों समेत सात बाघ हैं।
उन्होंने बताया कि नागपुर से दो भालू लाए जाने की भी योजना है। इसके अलावा इस महीने चंडीगढ़ से दो शुतुरमुर्ग और दो चिंकारा लाए जाएंगे।
पांडे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और फिर बर्ड फ्लू के कारण बंद चिड़ियाघर को एक अप्रैल को खोला जाएगा तथा इससे पहले इसमें वन्यजीव प्रजातियों की संख्या बढ़कर 93 होने की उम्मीद है।
दिल्ली चिड़ियाघर में जुलाई 2019 के बाद से एक भी चिंकारा नहीं है।
पांडे ने कहा कि चेन्नई से भी एक शुतुरमुर्ग और एक बगुला लाया जा सकता है।
निदेशक ने कहा कि विशाखापट्टनम चिड़ियाघर से भी पांच वन्यजीवों को लाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है और वित्त वर्ष 2021-22 तक प्रजातियों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का लक्ष्य है। इस समय चिड़ियाघर में 84 प्रजातियां हैं।
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