नयी दिल्ली, एक फरवरी कांग्रेस ने अगले वित्त वर्ष के लिए सोमवार को पेश बजट को लेकर आरोप लगाया कि देश के गरीबों, कामकाजी तबकों, मजदूरों एवं किसानों के लिए सिर्फ यह एक धोखा है और इससे पहले कभी भी बजट से इतनी निराशा नहीं हुई।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों’ को सौंपने की है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने भारत के लोगों खासकर गरीबों, कामकाजी तबकों, मजूदरों, किसानों, स्थायी रूप से बंद हुईं औद्योगिक इकाइयों और बेरोजगार हुए लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने उनका भाषण सुन रहे सांसदों समेत उन सभी लोगों के साथ धोखा किया है जिनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि पेट्रोल एवं डीजल समेत कई उत्पादों पर उपकर लगा दिया गया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार से बड़ी उम्मीदें थी कि खर्च में बढ़ोतरी की जाएगी ताकि निजी निवेश और उपभोग को बढ़ावा मिल सके, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि मामूली बढ़ोतरी हुई है जो 34,50,305 करोड़ रुपये से बढकर 34,83,236 करोड़ रुपये हो गया है।’’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस बजट से इतनी निराशा हुई है जितनी कभी नहीं हुई। पिछले साल की तरह इस बजट की सच्चाई सामने आ जाएगी।’’
चिदंबरम ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में चुनावों को देखते हुए उन पर विशेष ध्यान दिया गया है, लेकिन लोग मूर्ख नहीं हैं क्योंकि वे जानते हैं ये घोषणाएं सिर्फ प्रस्ताव हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियों के लिए बजट आवंटन और विशेष रूप से किसान सम्मान निधि के बजट में कमी की गई है।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन 154,775 करोड़ रुपये से घटाकर 148,301 करोड़ रुपये कर दिया गया। किसान सम्मान निधि के लिए भी आवंटन 75,000 करोड़ रुपये से घटाकर 65,000 करोड़ रुपये किया गया है।’’
पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस बार के बजट में कर अदा करने वाले कामकाजी तबके और मध्य वर्ग को किसी तरह की राहत भी नहीं दी गई। जीएसटी की दर में भी कटौती नहीं की गई है जिसका मतलब यह है कि कई दर होने की समस्या बरकरार रहेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि महज 15,700 करोड़ रुपये का आवंटन करके सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को खारिज किया गया है।
चिदंबरम ने वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बजट भाषण में वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र एवं खर्च का बिल्कुल भी उल्लेख नहीं किया, मानो चीनी सेना ने अपने कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर दिया हो।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि रक्षा खर्च में सिर्फ करीब चार हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि इस बजट का नाम ‘धोखेबाज बजट’ है। इसमें सिर्फ लोगों को धोखा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे समय में जब चीन हमारी सरजमीं पर कब्जा किए है, रक्षा बजट की चर्चा तक ना करना इस देश की सरकार की प्राथमिकता या उसकी कमी की ओर इशारा करता है।’’
कांग्रेस महासचिव ने किसान सम्मान निधि में कमी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के साथ निरंतर अन्याय कर रही है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।